नई दिल्ली: पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए एक टूलकिट ट्वीट को लेकर बवाल मचा हुआ है। ग्रेटा ने गलती से जो पावर प्वाइंट टूलकिट ट्वीट किया था उसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल इस टूलकिट को कनाडा स्थित एक खालिस्तानी समर्थक संगठन द्वारा तैयार किया गया था। इस टूलकिट का उद्देश्य भारत की छवि को खराब करना था।
कनाडा स्थित खालिस्तानी संगठन ने तैयार किया था टूलकिट!
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस टूलकिट को एक स्व-घोषित खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल द्वारा सह-स्थापित 'पीस फॉर जस्टिस' द्वारा तैयार किया गया था, जो कनाडा के वैंकूवर में स्थित है। इस पॉवरपॉइंट प्रजेंटेशन में भारत के खिलाफ लक्षित कार्यों की सूची को विस्तार से लिखा गया था। टूलकिट में भारत की योग और चाय वाली छवि को बदनाम करने की बात कही गई थी। इतना ही नहीं टूलकिट में 26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों द्वारा वैश्विक प्रदर्शन और "कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई थी।
यूं ही नहीं किए थे ट्वीट
बाद में ग्रेटा ने इस पोस्ट को हटा दिया था लेकिन इससे पहले ही भारत में कई लोगों ने उनके पोस्ट के स्क्रीनशॉट ले लिए जो जल्द ही वायरल हो गए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने टीओआई को बताया, 'ग्रेटा द्वारा गलत तरीके से साझा किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि रिहाना और अन्य द्वारा यूं ही ट्वीट नहीं किए गए थे बल्किय ये भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब करने के लिए एक बड़े अभियान का हिस्सा थे। इस तरह के सभी बयानों / ट्वीट्स को भारत और विदेश में नियोजित और प्री-स्क्रिप्टेड अभियान के रूप में इस्तेमाल किया गया। दिल्ली पुलिस द्वारा टूलकिट की जांच शुरू की गई है।
वैश्विक स्तर पर साजिश
केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि थनबर्ग के डिलीट किए गए ट्वीट से भारत के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश के असली डिजाइन का पता चलता है। सिंह ने कहा, 'उन दलों की जांच करने की आवश्यकता है जो इस बुरी मशीनरी जाल में उलझ रहे हैं। निर्देशों को स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 'कैसे', 'कब' और 'क्या' करना है। इस पैमाने पर षड्यंत्र अक्सर उजागर होते हैं, और ग्रेटा खुद ही एक्सपोज हो गईं।'
भारत की छवि को करना था धूमिल
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'किसानों के आंदोलन के समर्थन में जो टूलकिट थनबर्ग ने ट्वीट किया था, वह वास्तव में अराजकता का एक स्कूलकिट था। उनका (विदेशी व्यक्तित्वों) इन कानूनों से कोई लेना-देना नहीं है, वे सिर्फ देश में अराजकता और परेशानी की स्थिति पैदा करना चाहते हैं।' एक अधिकारी ने कहा कि टूलकिट की योजना "भारत की छवि को धूमिल" करने की थी, यहां तक कि यदि सरकार इन कानूनों को रद्द कर देती, तब भी यह चलाया जाता।
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