उत्तर प्रदेश में बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि मुसलमानों को जन्म नियंत्रण के लिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह शरिया के खिलाफ है। भारत में एक 'समान' जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दरगाह आला हजरत, बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि वह किसी भी मुसलमान को जन्म को नियंत्रित करने के लिए नहीं कह सकते क्योंकि उत्पादकता के रूप में बच्चे पैदा करना उनका अधिकार है क्योंकि चक्र अल्लाह (productivity cycle is in the hands of Allah) के हाथ में है।
हालांकि, मौलवी ने कहा कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कोई नीति पेश करती है, तो वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। बरेली स्थित मौलाना की टिप्पणी केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह सहित कई राजनीतिक हस्तियों द्वारा देश की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून की मुखर वकालत के बाद आई है।
मुख्यमंत्री योगी बोले- जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम आगे बढ़े, पर जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति न पैदा हो
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा हो पाए।लखनऊ में विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर 'जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा' की शुरुआत करते हुए योगी ने कहा, 'जब हम परिवार नियोजन/जनसंख्या स्थिरीकरण की बात करते हैं तो हमें ध्यान में रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा होने पाए।'
'ऐसा नहीं होना चाहिए कि जनसंख्या वृद्धि की गति या किसी समुदाय का प्रतिशत अधिक हो'
योगी ने कहा, 'ऐसा नहीं होना चाहिए कि जनसंख्या वृद्धि की गति या किसी समुदाय का प्रतिशत अधिक हो और हम 'मूल निवासियों' की आबादी को स्थिर करने के लिए जागरूकता या प्रवर्तन के माध्यम से कार्य कर रहे हों।' उन्होंने कहा कि "इसका धार्मिक जनसांख्यिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वहां अराजकता और अव्यवस्था शुरू हो जाती है। इसलिए जब हम जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बात करते हैं तो यह सभी के लिए और जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के ऊपर एक समान होना चाहिए।'
उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहां वर्तमान जनसंख्या 24 करोड़ से अधिक है और आने वाले कुछ वर्षों में यह 25 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है।उन्होंने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि बीते पांच वर्षों से देशभर में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। एक निश्चित पैमाने पर जनसंख्या समाज की उपलब्धि भी है, लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब समाज स्वस्थ व आरोग्यता की स्थिति को प्राप्त कर सके'
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