औरंगाबाद: महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महा विकास आघाडी सरकार (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) जहां एक तरफ देशव्यापी किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ खुद उनके शासित राज्य में किसानों के खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं। मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का है। यहां चीनी विभाग के क्षेत्रीय सहायक निदेशक के कार्यालय के बाहर बिना अनुमति इकट्ठा होने पर पुलिस ने कम से कम 150 गन्ना किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है।
शुक्रवार को दर्ज हुआ केस
उन्होंने पीटीआई को बताया कि घटना शुक्रवार की है। गन्ना किसान सहायक निदेशक के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और उन्होंने चीनी सहकारी फैक्टरी के बैंक खाते में जमा किसानों का धन जारी करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि अधिकतर किसान जिले के गंगापुर और लासूर इलाके से थे। उन्होंने बताया कि किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत शक्रवार को मामला दर्ज किया गया है।
मामला हुआ है दर्ज
एक अधिकारी ने बताया था पिछले महीने औरंगाबाद पुलिस ने भाजपा विधायक प्रशांत बांब और 15 अन्य के खिलाफ चीनी फैक्टरी में किसानों द्वारा जमाए कराए गए नौ करोड़ से अधिक रुपये कथित रूप से ऐसे लोगों के खाते में जमा करने पर मामला दर्ज किया था, जो इससे संबंधित नहीं थे। बांब ने अपने पर लगे आरोपों से इनकार किया है। वह जिले में गंगापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और गंगापुर सहकारी चीनी फैक्टरी के अध्यक्ष भी
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