मौत से कुछ दिन पहले नरेंद्र गिरी ने ली थी सल्फास के बारे में जानकारी, बाद में शिष्य से मंगाई थी नॉयलान की रस्सी

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Updated Nov 26, 2021 | 10:35 IST | IANS

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच कर सीबीआई ने खुलासा किया है कि मौत से कुछ दिन पहले नरेंद्र गिरी ने सल्फास की गोलियों के बारे में भी पूछा था।

CBI chargesheet said-Mahant Giri was living in mental trauma
'रस्सी, सल्फास गोली',नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में खुलासा 
मुख्य बातें
  • मंहत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में एक और खुलासा, आरोपी आनंद गिरी ने बना ली गंगा सेना
  • आनंद गिरी ने महंत नरेंद्र गिरी की अनुमति के बिना किया था एक शिविर आयोजन
  • अत्यधिक मानसिक आघात में थे नरेंद्र गिरि : चार्जशीट

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले के तीनों आरोपियों ने उन्हें बदनाम करने और अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक आघात पहुंचाने के लिए एकआपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था जिसके कारण उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में दायर 19 पन्नों के आरोपपत्र में कहा है कि आरोपी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी हैं।

रिपोर्ट का इंतजार

महंत के अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो को सीबीआई ने सुबूत के रूप में माना है, जबकि फोरेंसिक और लिखावट विश्लेषण के लिए भेजे गए सात पन्नों के सुसाइड नोट की रिपोर्ट का इंतजार है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी में मृत पाए गए थे। चार्जशीट में कहा गया है कि 26 मई को लखनऊ में आनंद और महंत के बीच समझौता हुआ था, लेकिन बात नहीं बनी।

दो बार बदली वसीयत

महंत नरेंद्र गिरि 2004 में बाघंबरी मठ के प्रमुख बने और आनंद 2005 में उनके शिष्य बने। उनके बीच मतभेद तब पैदा हुए जब आनंद ने 'गंगा सेना' बनाई और महंत की अनुमति के बिना एक शिविर आयोजित किया। महंत ने 7 जनवरी 2010 को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी बलबीर गिरि को नामित किया लेकिन 29 अगस्त 2011 को आनंद को एक नई वसीयत में नामित किया गया। महंत ने 4 जून, 2020 को फिर से अपनी वसीयत बदल दी, बलबीर को अपना उत्तराधिकारी नामित किया और कहा कि आनंद ने विदेशों का दौरा करना शुरू कर दिया है और एक अलग यूनिट बना ली है।

मौत से पहले पता किया था सल्फास के बारे में

 महंत ने अपनी वसीयत में कहा था कि आनंद 'धार्मिक विरोधी' गतिविधियों में शामिल था। सीबीआई जांच में कहा गया है कि आनंद ने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी से वार्ताकार की भूमिका निभाने और उनका निष्कासन रद्द करने का अनुरोध किया। रवींद्र ने महंत को 23 मई को फोन किया जिसे आनंद ने रिकॉर्ड कर लिया। इस बातचीत के दौरान आनंद ने महंत को धमकी देते हुए कहा कि उनके पास कई आपत्तिजनक ऑडियो और वीडियो हैं। नरेंद्र गिरि ने 11 सितंबर को अपने शिष्यों से 'सल्फास' और शरीर पर इसके प्रभाव के बारे में पूछा और 19 सितंबर को उन्होंने एक अन्य शिष्य को नायलॉन की रस्सी लाने के लिए कहा था।

गंभीर आघात

सीबीआई की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि महंत को अतिथि कक्ष के अंदर नायलॉन की रस्सी ले जाते हुए देखा गया था और अगले दिन उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि आनंद उनकी एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो जारी करने वाला हैं। सीबीआई ने उल्लेख किया है कि महंत के फोन में मिले वीडियो से पता चला है कि वह साजिश के कारण गंभीर आघात में थे।

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