PoK में मिसाइल सिस्टम तैनात करने की कोशिश में पाकिस्तान, चीन कर रहा है मदद

देश
किशोर जोशी
Updated Oct 09, 2020 | 07:49 IST

पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है, लेकिन अब यह खुलकर सामने आ रही है। ताजा खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पीओके में मिसाइल सिस्टम तैनात करने में पाक की मदद कर रहा है।

China shakes hands with Pakistan for helping set up missile systems in PoK
PoK में मिसाइल तैनात करने में पाक की मदद कर रहा है चीन 
मुख्य बातें
  • पीओके में मिसाइल सिस्टम तैनात करने में जुटा पाकिस्तान
  • पाकिस्तान को इस मिसाइल सिस्टम स्थापित करने में चीन कर रहा है मदद
  • भारतीय खुफिया एजेंसियां चीन और पाकिस्तान की हर हरकत पर बनाए हुए हैं नजर

नई दिल्ली:  भारत औऱ चीन के बीच चल रहे मौजूदा तनाव को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है। हालांकि इसे लेकर शीर्ष आर्मी अधिकारियों का कहना है कि अभी तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिला है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर साजिश रच रहे हैं लेकिन फिर भी सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं। चीन पाकिस्तान को हमेशा से ही उसके सैन्य ढांचे में सुधार करने के लिए मदद करता है, खासकर पाक अधिकृत कश्मीर में।

चीन कर रहा है मदद
इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो दोनों देशों की सेनाएं 'बेहतर एकीकरण' का प्रयास कर रही हैं। पिछले महीने के अंत में भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), ने कहा था कि चीन, पाकिस्तान को PoK में एक नई मिसाइल प्रणाली स्थापित करने में मदद कर रहा है। इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पीएलए और पाकिस्तान सेना के जवान पीओके में लसाडना ढोक के पास सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली की स्थापना के लिए निर्माण कार्य कर रहे थे। खबर के मुताबिक, लगभग पाकिस्तान सेना के 130 जवान और 25-40 मजदूर निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे। सिस्टम के लिए नियंत्रण कक्ष, बाग़ जिले के पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड मुख्यालय में स्थित होगा।

पीएलए सैनिक भी करेंगे निगरानी

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन अधिकारियों सहित दस पीएलए सैनिकों को नियंत्रण कक्ष में तैनात किया जाएगा। रॉ के सूत्रों के मुताबिक झेलम जिले के चिनारी और पीओके के हटियन बाला जिले के चकोठी में भी इसी तरह के निर्माण की सूचना मिली है। इसी साल 5 फरवरी को, भारतीय तटरक्षक बल ने पाकिस्तानी जलक्षेत्र में एक चीनी युद्धपोत को देखा। था भगदड़ जियांगवे-इल नाम का यह युद्धपोत पोरबंदर से बहुत दूर नहीं था।

हर हरकत पर है भारत की नजर

 पाकिस्तानी और चीनी नौसेनाओं ने जनवरी में द्विपक्षीय अभ्यास किया है। सूत्रों के मुताबिक चीन पाकिस्तान को नौसेना की संपत्ति हासिल करने में भी मदद कर रहा है। फिलहाल, पाकिस्तान आठ युआन वर्ग की पनडुब्बियों और चार प्रकार के 054A फ्रिगेट प्राप्त करने का इंतजार कर रहा है। तीन दिन पहले, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि भारत इस बात से वाकिफ है कि चीन और पाकिस्तान आपसी सहयोग कर रहे हैं, और पाकिस्तान अब अपनी रक्षा आपूर्ति के लिए चीन पर निर्भर है। हालांकि उन्होंने कहा कि 'ऐसा कोई खतरा नहीं है'। खतरे की आशंका से इनकार करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत दोनों मोर्चों पर तैयार है।

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