नई दिल्ली: चीनी सेना ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के पास घुसपैठ करने की कोशिश की, जिसे भारतीय जवानों ने विफल कर दिया। चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग त्सो क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की कोशिश की गई। इससे कुछ दिन पहले चीनी वायु सेना ने अपने J-20 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भारतीय क्षेत्र के करीब फिर से तैनात किया। वे वहां अभी भी व्यापक उड़ान भर रहे हैं।
सरकार के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'जे-20 को चीनी वायुसेना द्वारा हॉटन एयर बेस पर तैनात किया गया है और वे लद्दाख और आसपास के क्षेत्रों में भारतीय क्षेत्र के करीब उड़ान भर रहे हैं। रणनीतिक बमवर्षक विमानों की तैनाती अभी भी चीनियों द्वारा जारी है। चीनी वायु सेना द्वारा लद्दाख के निकट हवाई ठिकानों पर अपने नवीनतम और सबसे सक्षम विमानों को फिर से तैनात करने का कदम तब सामने आया है जब भारत ने राफेल फाइटर जेट का तेजी से परिचालन शुरू किया है। पांच राफेल विमान वायु सेना में शामिल हो गए हैं, तीन से चार और कुछ महीनों में जुड़ जाएंगे।'
जे-20 और उनके अन्य विमान मुख्य रूप से लद्दाख क्षेत्र के सामने अलग-अलग हवाई अड्डों से उड़ान भरते हुए व्यापक परिचालन कर रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से हॉटन और गार गुनसा शामिल हैं। चीनी ने पहले इन एयरबेस पर जे-20 को तैनात किया था। हालांकि, फिर से तैनात किए जाने से पहले इन्हें कुछ अन्य ठिकानों में शिफ्ट कर दिया गया था।
चीन की घुसपैठ की कोशिश नाकाम
वहीं सेना की तरफ से कहा गया कि भारतीय जवानों ने पैंगोंग सो क्षेत्र में यथास्थिति बदलने के चीन की पीएलए के उकसावे वाले सैन्य अभियान को विफल किया। भारतीय सैनिकों ने जमीन पर तथ्यों को एकतरफा बदलने के चीनी इरादों को विफल करने के उपाय किए। चीनी सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त की दरमियानी रात सैन्य और राजनयिक बातचीत के जरिए बनी पिछली आम सहमति का उल्लंघन किया। भारतीय सेना बातचीत के माध्यम से शांति और स्थिरता बनाए रखने को प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्ध है। मामले के हल के लिए चुशूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की एक फ्लैग मीटिंग की तैयारी की जा रही है।
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