नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश से पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण करने वाला चीन अब खुलकर दादागिरी करने पर उतर गया है। कुछ दिन पहले शिकार के लिए चीन-भारत सीमा पर स्थित ऊपरी सुबनसिरी जिले के जंगल में गए पांच लोगों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा अपहरण कर लिया गया था। भारतीय सेना ने इन पांच लोगों का ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण कर लिये जाने का मुद्दा चीनी सेना के समक्ष उठाया है। अब जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन से जब इन युवकों के अपहरण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में जानकारी देने की बजाय अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बता दिया।
अरुणाचल को नहीं दी मान्यता
लिजिन ने कहा, ''चीन ने कभी भी तथाकथित "अरुणाचल प्रदेश" को मान्यता नहीं दी है, जो कि चीन का दक्षिण तिब्बत क्षेत्र है, और हमारे पास अभी तक भारतीय सेना के सवाल के बारे में कोई विवरण नहीं है। पीटीआई के सूत्रों की मानें तो इलाके में तैनात थल सेना की इकाई ने पीएलए की संबद्ध इकाई को कथित अपहरण के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिये हॉटलाइन पर संदेश भेजे हैं।
पहले भी ठोक चुका है दावा
अरुणाचल प्रदेश के पांच लोगों के अपहरण की खबर ऐसे वक्त आई है, जब भारतीय थल सेना ने पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मद्देनजर 3,400 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल पर अपना दावा ठोका हो। अरुणाचल प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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