नई दिल्ली : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उनके दिल्ली से कोलकाता पहुंचने की घटना की जांच केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार इस बात का पता लगा रही है कि प्रशांत किशोर कहीं कार्गो फ्लाइट में सवार होकर तो कोलकाता नहीं पहुंचे। नागरिक उड्डन मंत्रालय के अधिकारी दिल्ली और कोलकाता एयरपोर्ट की सीसीटीव फुटेज खंगाल रहे हैं।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक किशोर ने हालांकि फ्लाइट से कोलाकाता जाने की बात से इंकार किया है। उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'पीके के कोलकाता पहुंचने के बारे में जारी जांच के बारे में हम जल्द रिपोर्ट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। डीजीसीए और एयरपोर्ट के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं।'
उड्डयन मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'पिछले चार दिनों में दिल्ली से कोलकाता की उड़ान भरने वाले तीन कार्गो ऑपरेटर्स से इसकी जांच की है और सभी ने यह स्पष्ट किया है कि पीके उनकी फ्लाइट से कोलकाता नहीं गए। हमने दिल्ली और कोलकाता दोनों जगहों की सीसीटीवी फुटेज की जांच की है। अब तक की जांच में यही सामने आया है कि किशोर कार्गो विमान से कोलकाता नहीं पहुंचे। इन दोनों दिल्ली से कोलकाता के बीच कोई एयर एंबुलेंस भी रवाना नहीं हुई है। इससे यह बात भी खारिज हो जाती है।'
मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलाने पर पीके कोलकाता पहुंचे हैं। क्योंकि यह कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी कोविड-19 स्थिति का प्रबंधन ठीक से नहीं कर पा रही हैं और इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन पर हमलावर है। भाजपा की इस ओलचना का मुकाबला करने और रणनीति बनाने के लिए ममता ने पीके को वहां बुलाया है। कार्गो प्लेन से पीके के कोलकाता पहुंचने के बाद राजनीति भी गरमा गई है। जद-यू के प्रवक्ता अजय आलोक ने पीके पर यह कहते हुए निशाना साधा कि 'दीदी ने अपना चेहरा चमकाने' के लिए उन्हें बुलाया है।
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