नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में 2 आतंकवादियों को भी ढेर किया गया। इस ऑपरेशन में अपनी जान गंवाने वाले 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा को आतंकवाद रोधी अभियानों में अनुकरणीय बहादुरी के लिए दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया चुका है।
कर्नल आशुतोष शर्मा पहले कई बार सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं। वह पिछले 5 सालों में पहले कमांडिंग ऑफिसर या कर्नल रैंक के सेना के जवान भी हैं, जिनकी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जान चली गई। इससे पहले कर्नल एमएन राय 5 साल पहले जनवरी 2015 में कश्मीर घाटी में एक ऑपरेशन में शहीद हो गए थे, जबकि कर्नल संतोष महादिक ने भी उसी साल नवंबर में अपना जीवन अर्पित कर दिया था।
ग्रेनेड हमला होने से बचाया
सेना के अधिकारियों ने कहा कि गार्ड्स रेजिमेंट से संबंधित कर्नल आशुतोष शर्मा लंबे समय से कश्मीर घाटी में सेवा कर रहे थे और उन्हें दो बार वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया, जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर के रूप में उनकी बहादुरी के लिए शामिल है। उन्हें कमांडिंग ऑफिसर के रूप में वीरता पुरस्कार तब मिला था जब एक आतंकवादी अपने कपड़ों में छिपे एक ग्रेनेड के साथ सड़क पर आदमियों की ओर भाग रहा था। कर्नल शर्मा ने उसे करीब से गोली मारी, जिससे जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मियों के साथ उनके कई सैनिकों की जान बची।
5 सुरक्षाबल हुए शहीद
हंदवाड़ा ऑपरेशन में कर्नल आशुतोष शर्मा के अलावा अपनी जान गंवाने वाले सेना के जवानों में मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश भी शामिल हैं। मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी भी शहीद हुए हैं। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में शनिवार को एक मकान में छिपे आतंकवादियों ने कुछ नागरिकों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद कर्नल शर्मा नागरिकों को मुक्त कराने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे थे।
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