नई दिल्ली: इसी साल मार्च के महीने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तराखंड में अपने मुख्यमंत्री बदला। त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बीच कांग्रेस नेता नवप्रभात ने दावा किया है कि बीजेपी को एक बार फिर अपना मुख्यमंत्री बदलना पड़ेगा। दरअसल, तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर किसी भी विधानसभा सीट से चुनकर आना था। उनका कहना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय है तो ऐसे में उपचुनाव नहीं हो सकते।
नवप्रभात ने कहा, 'उत्तराखंड के सीएम टीएस रावत विधायक नहीं हैं। उन्हें पद संभालने के 6 महीने के भीतर विधानसभा के लिए चुने जाने की जरूरत है। हालांकि, जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151ए कहती है कि विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ एक साल बचा हो तो उपचुनाव नहीं हो सकते। उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें खाली हैं। राज्य विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होना चाहिए, यानी केवल 9 महीने बचे हैं। इसलिए टीएस रावत के लिए 9 सितंबर के बाद सीएम बने रहना संभव नहीं है। ऐसे में एक बार फिर से नेतृत्व बदलना होगा।'
56 साल के तीरथ पौढ़ी गढ़वाल सीट से सांसद हैं। तीरथ उत्तर प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे हैं। साल 1997 में वह उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के लिए चुने गए। बाद में इन्हें विधान परिषद का अध्यक्ष भी बनाया गया। उत्तराखंड में भाजपा की पहली सरकार में तीरथ शिक्षा मंत्री बनाए गए। साल 2007 में तीरथ को उत्तराखंड में महासचिव बनाया गया। साल 2012 में वह विधायक चुने गए। भाजपा ने साल 2013 में इन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2019 के आम चुनाव में इन्होंने पौड़ी गढ़वाल से जीत दर्ज की। इस सीट पर उन्होंने मनीष खंडूरी को 3.50 लाख से ज्यादा वोटों से हराया।
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