नई दिल्ली : नागरिकता कानून और एनआरसी के साथ-साथ डिटेंशन सेंटर की भी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। विरोध करने वाली प्रदर्शनकारी एनआरसी, सीएए के अलावा बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटर का भी विरोध कर रहे हैं। हर कोई इसकी अपने-अपने तरीके से व्याख्या कर रहा है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने डिटेंशन सेंटर को लेकर बयान दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस डिटेंशन कैंप को उससे अलग कैसे देखती है जिस तरह आपने इन्हें स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इस पर चिदंबरम ने कहा कि डिटेंशन कैंप (हिरासत शिविर) फॉरेनर्स एक्ट के तहत बनाए गए थे ना कि नागरिकता कानून और एनआरसी के तहत।
चिदंबरम ने कहा- आप समझने की कोशिश करें। डिटेंशन कैंप फोरेनर्स एक्ट के अंतर्गत बनाए गए थे। फोरेनर्स एक्ट के तहत ऐसा प्रावधान है कि भारत में रह रहे ऐसे कोई भी विदेशी व्यक्ति की पहचान होती है जिनके पास पर्याप्त कागजात नहीं है तो उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा।
इस संबंध में पीआईएल दायर की गई थी जिसके आधार पर ही हाई कोर्ट ने असम को राज्य में डिटेंशन कैंप स्थापित करने का निर्देश दिया था। जिसके लिए केंद्र सरकार ने फंड का आवंटन दिया था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने पीआईएल नहीं दायर किया था।
उन्होंने आगे कहा कि जबकि आज का संदर्भ बिल्कुल अलग है। आज जो भी डिटेंशन कैंप या सेंटर बनाए जा रहे हैं वो फॉरेनर्स एक्ट के तहत नहीं बनाए जा रहे हैं वे नेशनल रजिस्टर सिटिजन (एनआरसी) के तहत बनाए जा रहे हैं। और ना ही इस पर किसी हाई कोर्ट या फिर किसी सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्देश आया है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।