झारखंड के CM हेमंत सोरेन का विवादित बयान, बोले- आदिवासी कभी ना हिंदू थे और ना हैं..

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 21, 2021 | 11:05 IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हॉवर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एक ऐसा बयान दिया है जिससे विवाद होना तय माना जा रहा है।

Controvesial statement of Jharkhand CM Hemant Soren, says Tribals Were Never Hindus
'आदिवासी कभी ना हिंदू थे और ना हैं', सोरेन का विवादित बयान 
मुख्य बातें
  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हार्वर्ड इंडिया कांफ्रेंस को किया संबोधित
  • संबोधन के दौरान बोले सोरेन- आदिवासी कभी हिंदू नहीं थे
  • सोरेन बोले- आदिवासी समहू के लिए आगामी जनगणना में अलग कॉलम होना चाहिए

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक ऐसा बयान दिया जिससे विवाद होना तय है। शनिवार देर रात हावर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि आज आदिवासियों की स्थिति ठीक नहीं है और संविधान में प्राप्त संरक्षण के बावजूद आदिवासियों को जगह नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि सदियों से आदिवासियों को दबाया गया और आज भी उन्हें ठीक नजर से नहीं देखा जाता है।

विवादित बयान
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, 'आदिवासी कभी न हिंदू थे, न हैं। आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और इनका अलग रीति-रिवाज है। सदियों से आदिवासी समाज को दबाया जाता रहा है, कभी इंडिजिनस, कभी ट्राइबल तो कभी अन्य के तहत पहचान होती रही है।' मुख्यमंत्री ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं एक आदिवासी हूं और मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचा हूं लेकिन यह आसान नहीं था।

आदिवासियों के लिए की ये मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि हायर एजुकेशन में भी आदिवासियों को ज्यादा अवसर नहीं मिले हैं जिस कारण सरकार आदिवासी बच्चों को विदेश के प्रसिद्ध संस्थानों में पढ़ने का मौका दे रही है। सोरेन ने इस दौरान जनगणना कॉलम में आदिवासियों के लिए अलग कॉलम होने का भी जिक्र करते हुए कहा कि आगामी जनगणना में आदिवासी समहू के लिए अलग कॉलम होना चाहिए जिससे उनकी परंपरा आगे बढ़ सके और संरक्षित हो सके।

जेएनयू पर सबकी नजर
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का जिक्र करते हुए कहा कि, 'जेएनयू के हालात क्या हैं, यह सभी लोगों ने देखा है। उन पर भी कुछ छुटभैया नेता इस तरह का आरोप लगाते हैं, लेकिन वे संघर्ष करने वाले व्यक्ति हैं, ऐसी कोशिश को अब आदिवासी समाज सफल नहीं होने देगा।'  संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति से लेकर पत्थलगड़ी परंपरा का भी जिक्र किया।

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