नई दिल्ली। देश भर में कोरोना के कुल मामले 9 हजार के पार जा चुके हैं। इस भयावह वायरस की वजह से 300 से ज्यादा लोग जान भी गंवा चुके हैं। अगर देश के अलग अलग राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके बाद दिल्ली में सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि पिछले 6 दिनों में कोरोना के केस दोगुने हो गए। इन सभी मामलों को देखें तो करीब 30 फीसद मामले तब्लीग से जुड़े हुए हैं।
14 अप्रैल को लाकडाउन का पहला फेज
कोरोना पर लगाम लगाने के लिए लॉकडाउन का पहला फेज 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, बंगाल की सरकारों ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है, हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है। यहां बता दें कि पीएम और राज्यों के सीएम के बीच बैठक में ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाने के फैसले पर सैद्धांतिक तौर पर मुहर लगा दी थी।
महाराष्ट्र में केस तेजी से बढ़े
सवाल यह है कि आखिर महाराष्ट्र में इतनी तेजी से मामले क्यों बढ़ रहे हैं। क्या महाराष्ट्र सरकार हालात पर नियंत्रण स्थापित नहीं कर पा रही है। क्या तब्लीगी जमात से जुड़े जो लोग राज्य में पहुंचे उनकी ट्रेसिंग नही हो रही है। या इससे इतर भी कोई वजह है। जानकार कहते हैं कि इसके पीछे पुख्ता तौर पर अभी कह पाना मुश्किल है। लेकिन एक बात तो साफ है कि आंकड़े खुद ब खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कहीं न कहीं कुछ खामी रही होगी।
क्या नियमों की हुई अनदेखी
अगर महाराष्ट्र में कोरोना के केस को देखें तो सबसे ज्यादा केस उन इलाकों से आ रहे हैं जहां पर सैनिटेशन के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग का सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र के कुछ इलाकों से इस तरह की तस्वीर आई जहां सामाजिक दूरी का उल्लंघन किया गया। इसके साथ ही इस तरह की भी खबरें आईं कि जब होम क्वारंटाइन के संबंध में कुछ दिशानिर्देश जारी किये गए तो उसका पालन सही तरह से नहीं हुआ।
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