आसाराम को जेल में सता रहा है कोरोना का खौफ, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने की रिहाई की मांग

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 30, 2020 | 16:36 IST

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी और जोधपुर की जेल में बंद आसाराम की अधिक उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए उसकी रिहाई की मांग की है।

Coronavirus outbreak Subramanian Swamy says 85 year old ailing Asaram Bapu should be released first
आसाराम को जेल में सता रहा है कोरोना का खौफ,उठी रिहाई की मांग 
मुख्य बातें
  • आसाराम को जेल में सता रहा कोरोना का भय, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिहाई की मांग
  • कोरोना वायरस के कारण देश में 29 लोगों की jहो चुकी है मौत
  • नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी आसाराम जोधपुर की जेल में हैं बंद

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और राज्य सरकारें इसे फैलने से रोकने के लिए तमाम एहतियाती उपाय कर रही हैं। कई राज्य सरकारें कैदियों की समय से पहले रिहाई कर रही हैं तो कई राज्य सरकारों ने कैदियों को दो महीने तक के लिए पैरोल देने का फैसला किया है। इस बीच नाबालिग के साथ रेप के मामले में जेल में बंद आसाराम बापू की रिहाई की भी मांग उठ रही है और यह मांग बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा की गई है।

स्वामी बोले सबसे पहले रिहा हो आसाराम

 बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आसाराम बापू की उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा, 'यदि दोषी करार कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो गलत तरीके से दोषसिद्ध करार 85 वर्षीय बीमार आसाराम बापू को पहले छोड़ना चाहिए।' आसाराम बापू राजस्थान की सेंट्रल जेल में बंद हैं जहां इस समय 1375 कैदी भी बंद हैं।

भक्तों ने ट्विटर पर की ये मांग

इससे पहले सोशल मीडिया में भी आसाराम की रिहाई की मांग उठी थी। आसाराम के भक्तों ने उसकी रिहाई की मांग करते हुए मांग कर कहा कि जेल में आसाराम के जीवन को कोरोना से बेहद खतरा है इसलिए सरकार को तत्काल कदम उठाए हुए उम्र के आधार पर उन्हें पहले रिहा करना चाहिए। इसे लेकर आसाराम के भक्त ट्विटर पर  #ReleaseAsharamjiBapuOnParole ट्रेंड चलाए हुए हैं।

कई राज्य सरकारें कर रही हैं कैदियों को रिहा

 यूपी सरकार ने 19 संक्रमण की आशंका के मद्देनजर जेलों से कैदियों की भीड़ कम करने के उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश के अनुपालन में 11 हजार कैदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। वहीं दिल्ली के तिहाड़ जेल प्राधिकरण ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से जेलों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए 400 से अधिक विचाराधीन कैदियों को रिहा कर दिया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार भी इस तरह के कदम उठाने जा रही है।

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