नई दिल्ली: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। उनका कोरोना पॉजिटिव होना इसलिए चिंता बढ़ा रहा है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का टीका लगवाया था। इसके बाद भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर बनाई जा रही कौवैक्सीन को लेकर सवाल उठने लगे। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोवैक्सिन दो खुराकों वाली कोरोना वायरस वैक्सीन है और अनिल विज को सिर्फ पहली खुराक ही दी गई थी। विज ने कोवैक्सिन के थर्ड फेज के ट्रायल में पहला वॉलेंटियर बनने की पेशकश की थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीका की दूसरी खुराक लेने के कुछ दिन बाद ही किसी व्यक्ति में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह दो खुराकों वाला टीका है और मंत्री ने टीका की केवल एक ही खुराक ली थी।
विज ने भी कहा कि दूसरी खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी का निर्माण होने लगता है और पहली खुराक के 28 दिनों बाद दूसरी खुराक दी जाती है। इस बीच की अवधि में कोई सुरक्षा नहीं होती। 67 वर्षीय विज को 20 नवंबर को पहली खुराक दी गई थी। दूसरी खुराक के 14 दिनों बाद पूरी तरह से एंटीबॉडी बनती है। इसलिए यह पूरा चक्र 42 दिनों का होता है। इस अवधि में कोई सुरक्षा नहीं होती है।
जल्द मिल सकता है टीका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोविड-19 का टीका कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है और वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही देश में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा। कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर डटे अन्य कर्मियों तथा पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्ग लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी।
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