नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच एलएसी पर चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर पहल की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एमओडी 101 उपकरणों का देश में उत्पादन करेगा यानि इनका अब आयात नहीं होगा जिस पर रोक लग गई है। उन्होंने कहा 'प्रधानमंत्री ने पाँच स्तंभों, अर्थात्, अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, जनसांख्यिकी और माँग के आधार पर एक आत्मनिर्भर भारत के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है और आत्म-विश्वसनीय भारत के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है जिसका नाम आत्मनिर्भर भारत है।'
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की एक सूची तैयार की है, जिसके लिए आयात पर अब रोक लगेगी यानि ये उपकरण अब भारत में बनेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, 'यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग को अपने स्वयं के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके या सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित तकनीकों को अपनाकर उपकरणों के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।'
ये उपकरण हैं शामिल
राजनाथ सिंह ने आगे बताया, 'इनमें से लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना द्वारा लगभग 1,40,000 करोड़ रुपये के उपकरणों का अनुमान लगाया गया है। 101 एम्ब्रॉइडेड वस्तुओं की सूची में हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए तोपखाने की बंदूकें, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, एलीएच (लाइट कोम्बाट हेलीकॉप्टर), रडार और कई अन्य वस्तुएं जैसे कुछ उच्च प्रौद्योगिकी हथियार सिस्टम भी शामिल हैं।
लंबी चर्चा के तैयार हुई सूची
रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने जो सूची बनाई है वह सेना, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्ट्री से चर्चा के बाद तैयार की गई है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'ऐसे उत्पादों की करीब 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये अनुबंध दिए थे। उनका अनुमान है कि अलगे 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए जाएंगे।'
52 हजार करोड़ का फंड
रक्षा मंत्री ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक अलग बजट बनाया गया है। आयात पर प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की प्रत्याशित आवश्यकताओं के बारे में बताना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को महसूस करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हों।'
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