Toolkit Case: गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले जूम पर हुई थी मीटिंग, दिल्ली पुलिस ने वीडियो एप से ब्योरा मांगा 

Toolkit investigation: विवादास्पद 'टूलकिट' मामले से जुड़ी क्लाइमेट एक्टिविस्ट निकिता जैकब ने स्वीकार किया है कि गणतंत्र दिवस के पहले हुई जूम एप पर इन लोगों की एक बैठक हुई थी।

Toolkit investigation: Delhi Police writes to Zoom, seeks details of meeting ahead of Republic Day violence
गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले जूम पर हुई थी मीटिंग, दिल्ली पुलिस ने वीडियो एप से ब्योरा मांगा।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • 'टूलकिट मामले' में दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम को पत्र लिखा
  • गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले एप पर हुई एक्टिविस्टों की बैठक का ब्योरा मांगा
  • दिल्ली पुलिस वाट्सएप को भी पत्र लिखा है,उससे भी जानकारी देने के लिए कहा है

नई दिल्ली : 'टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच करते हुए केस के आरोपियों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम को पत्र लिखा और 26 जनवरी की हिंसा से पहले हुई उस बैठक का ब्योरा मांगा है जिसमें पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल शामिल हुए थे। विवादास्पद 'टूलकिट' मामले से जुड़ी क्लाइमेट एक्टिविस्ट निकिता जैकब ने स्वीकार किया है कि गणतंत्र दिवस के पहले हुई जूम एप पर इन लोगों की एक बैठक हुई थी और इस बैठक में पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल और दिशा रवि सहित अन्य एक्टिविस्ट शामिल हुए थे। 

दिल्ली पुलिस ने वाट्सअप को भी पत्र लिखा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम  चार दिनों पहले जैकब के घर गई थी और उनके इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच की। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वह जैकब से फिर से पूछताछ करेगी लेकिन तब से वह लापता हैं। यही नहीं, दिल्ली पुलिस ने वाट्सएप को भी पत्र लिखा है। इस पत्र में दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की ओर से छह दिसंबर को बनाए गए वाट्सएप ग्रुप के बारे में जानकारी मांगी गई है। 

वाट्सअप पर एक ग्रुप बना था-सूत्र
सूत्रों ने कहा, 'किसान आंदोलन से जुड़े गतिविधियों में समन्वय बनाने के लिए एक ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप को 'इंटरनेशनल फॉर्मर्स स्ट्राइक' नाम दिया गया।' सूत्रों का कहना है कि इस ग्रुप में 10 से ज्यादा लोग शामिल थे लेकिन मामले के तूल पकड़ने पर दिशा ने इस ग्रुप से लोगों के नंबर डिलीट कर दिए। दिशा और ग्रेटा थनबर्ग के बीच बातचीत के चैट्स सार्वजनिक हुए हैं। इस चैट में दिशा स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट से कहती है, 'इस टूलकिट को जरा भी ट्वीट नहीं करना है और इस बारे में कोई भी बात नहीं करनी है। मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं। मुझे अफसोस है कि इस टूलकिट पर हम लोगों के नाम हैं। हम लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां निवारण कानून (यूएपीए) लग सकता है।'

प्रक्रिया के अनुरूप हुई दिशा की गिरफ्तारी-पुलिस
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने दिशा रवि की गिरफ्तारी से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि 22 वर्षीया एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी प्रक्रिया के अनुरूप हुई है। उन्होंने कहा, 'कानून 22 वर्ष के व्यक्ति और 50 साल के बुजुर्ग के बीच फर्क नहीं करता। उसे कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से अदालत ने उसे 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा। गिरफ्तारी में नियमों की अवहेलना हुई, यह कहना गलत है।' दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' के निर्माण एवं उसका प्रसार करने के आरोप में गत शनिवार को दिशा को बेंगुलुरु से गिरफ्तार किया। पिछले सोमवार को एक्टिविस्ट जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी हुआ। 

'दिशा के टेलिग्राम अकाउंट से डेटा भी हटाया गया' 
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रवि और मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु ने ‘टूलकिट’ तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की। पुलिस का दावा है कि रवि के ‘टेलीग्राम’ अकाउंट से डेटा भी हटाया गया है।

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