साबरमती आश्रम में डोनाल्‍ड ट्रंप ने चरखा चलाया, दिया गांधी से जुड़ा खास उपहार, Video

साबरमती आश्रम में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने चरखा चलाया तो यहां उन्‍हें गांधी जी के तीन बंदरों का खास उपहार भी द‍िया गया, जिनके जरिये उन्‍होंने जीवन का बड़ा दर्शन दुनिया के सामने रखा।

Donald Trump visits Sabarmati Ashram in Ahmedabad tries spinning charkha
साबरमती आश्रम में डोनाल्‍ड ट्रंप ने चरखा चलाया, गांधी जी के 3 बंदरों से भी मिले  |  तस्वीर साभार: ANI

अहमदाबाद : अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बहुतप्रतीक्ष‍ित भारत दौरे पर पहुंच गए हैं, जिस दौरान अहमदाबाद एयरपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्‍वागत किया। एयरपोर्ट से वे सीधे महात्‍मा गांधी के साबरमती आश्रम गए, जहां उन्‍होंने चरखा भी चलाया। इस मौके पर उनके साथ फर्स्‍ट लेडी मेलानिया ट्रंप भी मौजूद थीं। पीएम मोदी ने यहां अमेरिकी राष्‍ट्रपति को महात्‍मा गांधी के बारे में बताया तो उन्‍‍‍‍‍हें तीन बंदरों का उपहार भी द‍िया। बाद में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने विज‍िटर बुक में पीएम मोदी को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने इसमें गांधी का जिक्र नहीं किया।

साबरमती आश्रम में डोनाल्‍ड ट्रंप
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पीएम मोदी और डोनाल्‍ड ट्रंप साबरमती आश्रम पहुंचे, जहां उन्‍होंने चरखा पर भी हाथ आजमाया, जो स्‍वतंत्रता आंदोलन के समय गांधी जी की अगुवाई में स्‍वाबलंबन का प्रतीक बन गया था। अमेरिकी राष्‍ट्रपति और अमेरिका की फर्स्‍ट लेडी पीएम मोदी के साथ साबरमती आश्रम पहुंचे, जहां उन्‍होंने गांधी के बारे में जाना और समझा। खुद पीएम मोदी ने उन्‍हें ब्रीफ किया। बाद में राष्‍ट्रपति ट्रंप ने आगंतुक पुस्तिका में इस दौरे के शानदार स्‍वागत के लिए धन्‍यवाद देते हुए लिखा, 'मेरे मित्र नरेंद्र मोदी को इस शानदार दौरे के लिए धन्‍यवाद।' इसमें हालांकि उन्‍होंने गांधी जी के बारे में कुछ नहीं लिखा।

गांधी जी के आंदोलन का प्रमुख केंद्र
साबरमती आश्रम वर्ष 1917 से 1930 के बीच महात्‍मा गांधी के आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा था, जहां पीएम मोदी ने बाद में अमेरिकी राष्‍ट्रपति व फर्स्‍ट लेडी को गांधी जी के तीन बंदरों के सेट का खास उपहार द‍िया, जिनके जरिये उन्‍होंने दुनिया को जीवन जीने को लेकर बड़ा फलसफा दिया। गांधी जी ने इन तीन बंदरों के जरिये दुनिया को 'बुरा न देखो, बुरा न बोलो, बुरा न सुनो' का संदेश दिया था, जो आज भी आज भी बेहद प्रासंगिक है।

गांधी जी के पास कहां से पहुंचे तीन बंदर?
माना जाता है कि ये बंदर चीन से बापू के पास पहुंचे। बताया जाता है कि देश-विदेश से लोग गांधी जी से मिलने पहुंचते थे। इसी दौरान एक बार जब चीनी प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने पहुंचा था वे अपने साथ तीन बंदरों का सेट लेकर पहुंचे थे, जिसे देखते ही गांधी से बहुत खुश हुए। उन्होंने हमेशा इसे अपने पास रखा, जो हमेशा के लिए उनके जीवन से जुड़ गए। ये बंदर चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस के बताए जाते हैं। इसे जापानी संस्कृति से भी जोड़ा जाता है। बताया जाता है कि आठवीं सदी में यह चीन से जापान पहुंचा था।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर