नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश का सबसे बड़ा कोविड केयर केंद्र बनाया है। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस अस्थाई अस्पताल का निर्माण किया गया है, जिसमें DRDO ने महज 11 दिनों का वक्त लिया। लगभग 300 एकड़ भूमि पर निर्मित इस कोविड केयर केंद्र को सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर एवं अस्पताल नाम दिया गया है, जहां 10,000 से अधिक बिस्तरों की सुविधा है।
दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में राधा स्वामी ब्यास परिसर में निर्मित कोरोना को समर्पित इस अस्थाई अस्पताल का रविवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उद्घाटन किया, जो न केवल देश में, बल्कि दुनिया में इस तरह का सबसे बड़ा केंद्र बताया जा रहा है। इस कोविड केयर केंद्र के प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) को सौंपी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर आईटीबीपी को इस कोविड केयर सेंटर की नोडल एजेंसी बनाया गया है।
दिल्ली में निर्मित इस खास तरह के कोविड केयर केंद्र के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी, ITBP के डीजी एसएस देशवाल सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। इस दौरान आईटीबीपी के डीजी ने कहा, 'हम राष्ट्र और सीमा पर देश की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हमारी सेना, वायुसेना, आईटीबीपी का मनोबल ऊंचा है। हम देश के लिए अपना जीवन देने के लिए तत्पर हैं।'
वहीं, दिल्ली के इस सबसे बड़े कोविड केंद्र में चिकित्सकीय जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वालीं लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. माधुरी कनित्कर ने बताया कि पहले माह यहां 600 से अधिक सैन्यकर्मियों की तैनाती की गई है, जिनमें डॉक्टर, नर्सिंग अफसर और पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। यहां तैनात सभी कर्मचारी अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने बताया कि इस अस्पताल में मरीजों के लिए सभी तरह की सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध है। सैन्यकर्मी यहां 24 घंटे अपनी सेवा उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल का निर्माण कूड़े फेंकने वाली जगह को समतल कर किया गया है। कोरोना से जंग में DRDO ने 70 मेड इन इंडिया उत्पादों का निर्माण अब तक किया है। आवश्यकता पड़ने पर DRDO हर माह करीब 25,000 वेंटिलेटर्स का निर्माण कर सकता है और हम इनके निर्यात के लिए भी तैयार हैं।
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