डीआरडीओ ने ओडिशा के तट से एकीकृत परीक्षण रेंज से आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल का सफल पहला प्रक्षेपण किया। आकाश-एनजी एक नई पीढ़ी का सर्फेस-टू-एयर मिसाइल है,जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई खतरों को रोकने के उद्देश्य से किया जाता है। यह परीक्षण ओडिशा के तट से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया है।
इसे आकाश-एनजी यानि नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल नाम दिया गया है। परीक्षण में इंडियन एयरफोर्स के लिए तैयार किए गए अगली पीढ़ी के इस मिसाइल ने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। इसे भारतीय वायुसेना के लिए खासतौर से बनाया गया है, यह सतह से हवा में मार करने में सक्षम है, सीमाओं पर तनाव व बढ़ते हवाई खतरों को देखते हुए आकाश-एनजी बेहद कारगार साबित होगी ऐसा कहा जा रहा है।
डीआरडीओ ने बताया कि नई आकाश मिसाइल लक्ष्य पाने में अचूक रही परीक्षण के दौरान यह सारी कसौटियों पर खरी उतरी, बताते हैं कि आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 19 फीट है और इसकी मारक क्षमता 40 से 60 किलोमीटर तक की है साथ ही ये मिसाइल 4321 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरती है।
इस बार, डीआरडीओ में गणतंत्र दिवस परेड में दो झांकी होंगी - 2020 में विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से एक हल्के लड़ाकू विमान तेजस का सफल टेक-ऑफ, और दूसरा एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का पूर्ण पूरक प्रदर्शन, दूसरी झांकी अपनी तीसरी पीढ़ी की मिसाइल नाग ( fire and forget missile NAG) का प्रदर्शन करेगी,डीआरडीओ हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर त्रि-सेवाओं के लिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों का प्रदर्शन कर रहा है।
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