नई दिल्ली : पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है उसने परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम अपनी शाहीन-3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है लेकिन इस मिसाइल के बलूचिस्तान के रिहायशी इलाके में गिरने से उसके दावे पर सवाल उठने लगे हैं। इस परीक्षण पर पाकिस्तानी सेना और बलोच नेताओं के दावे अलग-अलग हैं। पाकिस्तानी सेना इस परीक्षण को जहां सफल बता रही है, वहीं बलोच नेताओं का कहना है कि यह मिसाइल टेस्ट में असफल होकर एक बलोच बस्ती पर गिरी। इस घटना में कई लोग हताहत हुए हैं। बलोच नेताओं ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान को अपनी प्रयोगशाला बना लिया है।
2750 किलोमीटर है शाहीन-3 की मारक क्षमता
पाकिस्तान की इस मिसाइल की मारक क्षमता 2750 किलोमीटर है। इस टेस्ट के बाद पाक सेना की प्रोपगैंडा इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने इसे एक सफल परीक्षण बताया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना के इस दावे की पोल वहीं के मीडिया रिपोर्टों में खुल गई। कई रिपोर्टों में इस टेस्ट को पाकिस्तान की एक बड़ी असफलता बताया गया। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि शाहीन-3 मिसाइल बलूचिस्तान की एक बस्ती में गिरी। उसने कई घरों को तबाह किया और लोग घायल हुए।
'अपनी पोस्ट छोड़कर पहले भाग गए थे पाक फौजी'
बलूचिस्तान की सबसे प्रभावशाली पार्टी बलोच रिपब्लिक पार्टी (बीआरपी) का कहना है कि पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल को डेरा गाजी खान के राखी से छोड़ा गया और यह मिसाइल डेरा बुग्ती इलाके में गिरी। बीआरपी का कहना है कि इस इलाके में मिसाइल गिरने की जानकारी पाक फौजियों को पहले से थी और वे पिछली रात को ही अपने पोस्ट से फरार हो गए थे। मिसाइल रिहायशी इलाके में गिरी। इस घटना में कई घर तबाह और लोग घायल हुए।
भारत का मुकाबला करने के लिए बनाई है शाहीन-3
शाहीन-3 मिसाइल ठोस ईंधन से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। भारत की अग्नि-3 मिसाइल के जवापब में पाकिस्तान ने इसे तैयार किया है। पाक ने इसका पहला परीक्षण 2015 में किया था। इस मिसाइल की रेंज 2750 किलोमीटर है। शाहीन-1 मिसाइल 900 किलोमीटर, शाहीन-2 1500 किलोमीटर तक मार कर सकती है। शाहीन-3 की मारक क्षमता पाकिस्तान की सभी मिसाइलों में सबसे ज्यादा है। भारत के शहरों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान ने शाहीन-3 मिसाइल विकसित की है।
'बलूचिस्तान को प्रयोगशाला बना दिया है'
बीआरपी के प्रवक्ता शेर मोहम्मद बुग्ती ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान को एक प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है। उन्होंने कहा, 'बलूचिस्तान हमारी मातृभूमि है। यह कोई प्रयोगशाला नहीं है। हम दुनिया के देशों से अपील करते हैं कि वे डेरा बुग्ती में नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए परीक्षण के खिलाफ आवाज उठाएं।'
'घायलों को अस्पताल नहीं ले जाया गया'
सोशल मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शाहीन-3 के परीक्षण से कई लोग घायल हुए हैं। बुग्ती का कहना है कि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया है। एक अन्य बलोच नेता फजिला बलोच का कहना है कि पाकिस्तान ने 1998 में चाघी में अपनी परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया था और इस परीक्षण में भी कई लोग घायल हुए। बुग्ती ने दुनिया के नेताओं से डेरा बुग्ती का दौरा करने की अपील की है ताकि पाकिस्तानी सेना की करतूतों का पता चल सके।