भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) ने उन्हें नोटिस जारी किया है। आयोग ने इस मामले में कमलनाथ को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया है। ईसी का कहना है कि कांग्रेस नेता के बयान से उप चुनाव के दौरान लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। आयोग की नोटिस में कहा गया है, 'आपने इस तरह का बयान क्यों दिया, इस पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए आयोग आपको 48 घंटे का समय देता है। नोटिस का जवाब नहीं देने पर आयोग अपनी कार्रवाई करेगा।'
डबरा की चुनावी सभा में कमलनाथ ने दिया बयान
गत रविवार को ग्वालियर के डबरा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा था कि 'इस सीट पर उम्मीदवार कांग्रेस नेता एक साधारण व्यक्ति हैं, वह अपने विरोधी उम्मीदवार 'आइटम' की तरह नहीं है।' मंच से उन्होंने कहा, 'सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे साधे हैं। यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं, आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, क्या आइटम है।' उनका इतना कहना था कि भीड़ ने इमरती देवी का नाम लिया।
भाजपा नेताओं के निशाने पर आए कमलनाथ
कमलनाथ के इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस और कमलनाथ पर हमलावर हुई। अपने इस बयान के लिए कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा के नेताओं के निशाने पर आ गए। दोनों नेताओं ने इस बयान की आलोचना की। इस बयान के खिलाफ चौहान ने भोपाल में और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में धरना दिया। चौहान ने कहा, ' कमलनाथ जी! इमरती देवी उस गरीब किसान की बेटी का नाम है जिसने गांव में मजदूरी करने से शुरुआत की और आज जनसेवक के रूप में राष्ट्रनिर्माण में सहयोग दे रही हैं। कांग्रेस ने मुझे 'भूखा-नंगा' कहा और एक महिला के लिए आपने 'आइटम' जैसे शब्द का उपयोग कर अपनी सामंतवादी सोच फिर उजागर कर दी।'
राहुल गांधी ने भी जताई असहमति
कमलनाथ के इस बयान पर राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'कमलनाथ जी मेरी पार्टी के हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से, मुझे उस प्रकार की भाषा पसंद नहीं है जिसका उन्होंने इस्तेमाल किया ... मैं इसकी सराहना नहीं करता, चाहे वह कोई भी हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी शख्स को जो सार्वजनिक जीवन में हो या किसी बड़े ओहदे पर रह चुका हो उससे अपेक्षा की जाती है कि उसकी भाषा सभ्य होगी।'
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