भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इन सीटों पर जो नतीजे आएंगे वो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम है, अगर बीजेपी 16 सीट जीतने में कामयाब होती है तो शिवराज सिंह चौहान सभी मैजिक फिगर के चक्र से आजाद हो जाएंगे। इन सबके बीच सूबे की राजनीति में दो नाम चर्चा में हैं पहला नाम पूर्व सीएम कमलनाथ तो दूसरा नाम इमरती देवी का है जो शिवराज सरकार में मंत्री हैं। ग्वालियर की डबरा विधानसभा में सभा के दौरान कमलनाथ ने उन्हें आइटम करार दिया और उसके बाद सियासत गरमा गई, हालांकि कमलनाथ का कहना है कि अगर उनके बयान से किसी को कष्ट पहुंचा है तो उन्हें खेद है।
अब आइटम पर कमलनाथ को खेद है
भाजपा ने महसूस किया है कि वे सिर्फ पराजित नहीं हो रहे हैं, उनका क्षय हो रहा है। इसलिए वे लोगों को उनके 15 साल के शासन के कारण वास्तविक मुद्दों से विचलित करने की कोशिश कर रहे हैं। वे कह सकते हैं कि वे क्या चाहते हैं लेकिन मैं उन्हें सफल नहीं होने दूंगा। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा वास्तविक मुद्दों से लोगों को विचलित करने की कोशिश कर रही है। वे कहते हैं कि मैंने एक अपमानजनक टिप्पणी की। कौन सी टिप्पणी? मैं महिलाओं का सम्मान करता हूं। अगर किसी को लगता है कि यह अपमानजनक है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
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मौन व्रत की सियासत
कमलनाथ ने आइटम का बयान क्या दिया कि बीजेपी को उल शब्द में खुद के लिए संजीवनी नजर आई। सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ की अभद्र टिप्पणी पर भोपाला में मौन व्रत पर बैठे को ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में मौन व्रत के जरिए विरोध करते नजर आए। इसके साथ ही इमरती देवी फूट फूट कर रोईं और दलित समाज की महिलाओं का अपमान करार दिया। इमरती देवी ने कहा कि वो तो कमलनाथ को बड़े भाई के तौर पर मानती थीं। लेकिन वो उस लायक नहीं है। इसके साथ ही बीजेपी नेताओं ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल कमलनाथ ने इमरती देवी के लिए किया था क्या उस शब्द का इस्तेमाल सोनिया और प्रियंका गांधी के लिए करेंगे।
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