इंदौर (मध्य प्रदेश): देश में कोविड-19 के प्रसार का बड़ा केंद्र बने इंदौर जिले में पिछले दो महीने से लागू लॉकडाउन के चलते पूरे रमजान महीने में बाजार वीरान रहे। अब सोमवार को मनायी जाने वाली ईद-उल-फितर का उल्लास भी घरों में सिमट गया है।
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने ईद की पूर्व संध्या पर रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'लॉकडाउन के चलते ईद पर भी लोगों को घरों से बाहर निकलने की छूट नहीं दी गयी है। इसके पीछे हमारा एकमात्र मकसद यही है कि सभी नागरिक इस महामारी के संक्रमण से सुरक्षित रहें।'
उन्होंने कहा, 'मैं तमाम जिलावासियों से अपील करता हूं कि वे अपने घरों में रहकर ही ईद मनायें।' सिंह ने बताया कि ईद के त्योहार पर शांति और कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिये जिले भर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
इस बीच, शहर काजी मोहम्मद इशरत अली ने भी मुस्लिम समुदाय से अपील की कि इस बार वे अपने घरों में रहकर ही ईद मनायें।
उन्होंने कहा, 'इस बार हम ईद पर एक-दूसरे से गले मिलने के बजाय फोन व सोशल मीडिया के जरिये इस त्योहार की मुबारकबाद का आदान-प्रदान कर सकते हैं।' कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण जिले भर के बाजार पिछले दो महीने से बंद हैं। ईद की पूर्व संध्या पर इंदौर शहर के राजबाड़ा, खजराना, बॉम्बे बाजार और जवाहर मार्ग पर स्थित प्रमुख बाजार रविवार को भी वीरान दिखे जो हर बार रमजान में खरीदारी करने वालों से गुलजार रहते थे।
कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण इंदौर जिला अब भी रेड जोन में बना हुआ है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक इस महामारी के 3,008 मरीज मिले हैं। इनमें से 114 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
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