केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच काफी हद तक सहमति बनती नज़र आ रही है,आज केंद्र सरकार की तरफ से एक लिखित प्रस्ताव संयुक्त किसान मोर्चा को भेजा गया। सरकार में प्रस्ताव दिया कि एसएसपी पर कमिटी बनाने, मुआवजे देने और केस वापसी की मांग पर सहमत है और किसानों को आंदोलन वापस ले लेना चाहिए। लेकिन शाम तक सिंघू बॉर्डर पर चली बैठक बेनतीजा रही ऐसे में बुधवार को 2 बजे फिर से सरकार के प्रस्ताव पर बैठक करके जवाब भेजा जाएगा।
पहले प्रस्ताव में सरकार ने कहा है कि 'MSP पर प्रधान मंत्री जी ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री जी ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे। हम इसमें स्प्ष्टता करना चाहते हैं कि किसान प्रतिनिधि में SKM के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे'।लेकिन इस पर किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP की कमेटी में उन नेताओं को शामिल न किया जाए जो तीन कृषि कानूनों के समर्थन में थे, एमएसपी के मुद्दे पर सिर्फ़ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों से ही बात की जाए।
दूसरा सरकार में किसानों पर दर्ज मुकदमे पर प्रस्ताव दिया है कि पहले आंदोलन वापस हो फिर मुकदमे खत्म होंगे।किसान कह रहे हैं कि पहले मुक़दमे रद्द हों फिर आंदोलन वापस होगा।
तीसरा किसान कह रहे हैं कि यूपी और हरियाणा की सरकार सैद्धांतिक तौर पर मुआवज़ा देने को तैयार तो है लेकिन सरकार शहीद किसानों को मुआवजा पंजाब सरकार के मॉडल पर दे।
प्रस्ताव पर इन बदलाव की मांग को लेकर सरकार को वापस जवाब दिया जाएगा, अब सबकी नजर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चे की मीटिंग पर रहेगी।
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