कोच्चि: फिल्म निर्माता अली अकबर ने कहा कि वह अब मुसलमान नहीं रहेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि वो और उनकी पत्नी लुसिम्मा इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं। दरअसल एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद सोशल मीडिया में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा उनकी तस्वीर या वीडियो के नीचे स्माइली डाली थी या यूं कहें की खुशी मनाई थी जिससे अली अकबर काफी आहत हुए हैं।
फेसबुक के जरिए सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि देने वाले फिल्म निर्देशक अली अकबर ने कहा, 'इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूँ, न मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई और धर्म है।' अली अकबर ने जब सीडीएस रावत की वीरगति पर लाइव वीडियो बनाना शुरू किया तो कट्टर इस्लामियों ने उनके वीडियो पर हजारों की संख्या में लॉफिंग की इमोजी लगाकर इसका मजाक उड़ाया, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं।
अकबर ने कहा कि इस्लाम के शीर्ष धर्मगुरुओं या नेताओं ने भी 'देशद्रोहियों' के इस तरह के कार्यों का विरोध नहीं किया है जिन्होंने एक बहादुर सैन्य अधिकारी का अपमान किया है और वह इसे स्वीकार नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि उनका धर्म से विश्वास उठ गया है। अली अकबर ने कहा, 'आज, मैं जन्म से प्राप्त एक कपड़े को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूँ। मैं भारत का हूँ। यह उन लोगों को मेरा जवाब है जिन्होंने भारत के खिलाफ हजारों इमोजी पोस्ट की थी। अली अकबर की पोस्ट पर फेसबुक पर मुस्लिम यूजर्स ने कड़ी आलोचना की और कुछ ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। इस बीच कई यूजर पोस्ट ने अकबर का समर्थन किया और गाली देने वालों को फटकार लगाई।
सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद अकबर ने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शूट किया था, लेकिन फेसबुक ने उसे नस्लीय बताकर उनका अकाउंड ही सस्पेंड कर दिया, लेकिन तब तक उनका वीडियो वायरल हो चुका था और इसे व्यापक रूप से व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया। बाद में अकबर ने दूसरा अकाउंट बनाया और कहा, 'राष्ट्र को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जो सीडीएस की मौत पर मुस्कुराते हैं और उन्हें दंडित करना चाहिए।'
टीओआई से बात करते हुए, अकबर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई राष्ट्र विरोधी गतिविधियां होती हैं और रावत की मौत पर मुस्कुराना इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा, 'रावत की मौत की खबर पर मुस्कुराते हुए इमोजी के साथ टिप्पणी करने वाले और जश्न मनाने वाले अधिकांश यूजर्स मुस्लिम थे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कई एक्शन लिए थे। एक बहादुर अधिकारी और देश का अपमान करने वाली इन सार्वजनिक पोस्टों को देखने के बावजूद, शीर्ष मुस्लिम नेताओं में से किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं ऐसे धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता'
उन्होंने कहा कि हालांकि वह और उनकी पत्नी हिंदू धर्म अपनाएंगे और अपने आधिकारिक रिकॉर्ड में धार्मिक विवरण बदलने की प्रक्रिया करेंगे, लेकिन वह अपनी दो बेटियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं करेंगे। यह उनकी पसंद है और मैंने उन्हें फैसला करने की छूट दी है। अली अकबर, जो भारतीय जनता पार्टी की राज्य समिति के सदस्य थे, ने पार्टी नेतृत्व से कुछ असहमति के बाद अक्टूबर में पद छोड़ दिया था।
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