मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा, PM मोदी ने जनता के नाम लिखा पत्र

PM Modi's letter to nation: अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली सालगिरह के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम खुला खत लिखा है। इसमें उन्होंने सरकार के कामों का जिक्र किया है।

PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 
मुख्य बातें
  • मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की आज पहली वर्षगांठ हैं
  • देश के नागरिकों को लिखे गए पत्र में पीएम मोदी ने सरकार के बड़े-बड़े फैसलों को गिनाया है
  • पीएम मोदी ने इस पत्र के माध्यम से बताया है कि पिछले 6 सालों में कितना बदलाव आया है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने के मौके पर देश के नाम चिट्ठी लिखी है। इस लेटर में पीएम मोदी ने अपनी सरकार के एक साल के कामों का जिक्र किया है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि इस दिन पिछले साल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय शुरू हुआ। 2014 से 2019 तक भारत का कद काफी बढ़ गया। पिछले एक साल में कुछ फैसलों पर व्यापक रूप से चर्चा हुई और सार्वजनिक चर्चा में बने रहे। पीएम ने कहा कि हम प्रवासी श्रमिकों, मजदूरों की परेशानियों को दूर करने के लिए एकजुट और दृढ़ तरीके से काम कर रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से राष्ट्र में कुछ बड़े बदलाव हुए हैं। प्रधान मंत्री ने कहा, 'पिछले पांच वर्षों में राष्ट्र ने देखा कि कैसे प्रशासनिक तंत्र ने खुद को यथास्थिति से मुक्त किया और भ्रष्टाचार के दलदल से और साथ ही साथ दुर्व्यवहार से भी मुक्त हुआ।' अपने पहले कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा, 2014 से 2019 तक भारत का कद काफी बढ़ा। गरीबों की गरिमा को बढ़ाया गया। राष्ट्र ने वित्तीय समावेशन, मुफ्त गैस और बिजली कनेक्शन, स्वच्छता और हर किसी को घर को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रगति की।'

सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक से दिखाई ताकत

उन्होंने लिखा, 'भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक के माध्यम से अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। वहीं, वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- जीएसटी जैसी दशकों पुरानी मांगें पूरी हुईं, किसानों के लिए बेहतर एमएसपी को पूरा किया गया।' उन्होंने लिखा कि 2019 के बाद से जब भारत ने उन्हें सत्ता में वापस भेजा तो वह भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

बड़े-बड़े फैसलों का किया जिक्र

देश के नागरिकों को लिखे गए पत्र में पीएम मोदी ने अपनी सरकार द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख फैसलों को गिनाया, जिन पर व्यापक रूप से चर्चा की गई और वो सार्वजनिक चर्चा में बने रहे। इस सूची में अनुच्छेद 370, राम मंदिर पर फैसला, ट्रिपल तलाक और नागरिकता अधिनियम में संशोधन शामिल हैं। उन्होंने लिखा, 'आर्टिकल 370 को हटाने से राष्ट्रीय एकता और एकीकरण की भावना को आगे बढ़ाया। भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सर्वसम्मति से दिया गया राम मंदिर का फैसला सदियों से चली आ रही बहस का एक सौहार्दपूर्ण अंत लेकर आया। तीन तलाक की बर्बर प्रथा को इतिहास के कूड़ेदान तक सीमित कर दिया गया है। नागरिकता अधिनियम में संशोधन भारत की करुणा और समावेश की भावना की अभिव्यक्ति था।'

योजनाओं का किया गुणगान

पीएम ने कहा कि कई अन्य फैसले थे, जिन्होंने 'राष्ट्र के विकास की गति' को गति दी। इनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को सृजित करना और मिशन गगनयान की तैयारी को तेज करना शामिल है। दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र में उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई या बढ़ाई गई कई योजनाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें पीएम किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, पशुओं के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान, किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मिलने वाली मासिक पेंशन। 

कोविड 19 पर भी रखी बात

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि कोविड-19 का प्रकोप कैसे देश की आशाओं और आकांक्षाओं को रोक रहा है। कई लोगों को डर था कि भारत दुनिया के लिए एक समस्या बन जाएगा जब कोरोना वायरस भारत में आएगा। लेकिन आज दृढ विश्वास और लचीलेपन के माध्यम से आपने दुनिया को हमारी ओर देखने के तरीके को बदल दिया है। आपने साबित कर दिया है कि दुनिया के शक्तिशाली और समृद्ध देशों की तुलना में भारतीयों की सामूहिक ताकत और क्षमता अद्वितीय है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात पर प्रशंसा व्यक्त की कि कैसे लोगों ने जनता कर्फ्यू के लिए उनकी अपील को माना और कोरोना योद्धाओं का सम्मान करने के लिए ताली बजाईं और दीप जलाया।

मजदूरों को परेशानियों का किया जिक्र 

प्रधानमंत्री ने संकट के दौरान मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए एक निर्धारित तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट में यह निश्चित रूप से दावा नहीं किया जा सकता है कि किसी को भी असुविधा नहीं हुई। हमारे मजदूर, प्रवासी कामगार, कारीगर और शिल्पकार लघु उद्योगों में, फेरीवाले और ऐसे साथी देशवासियों ने बहुत कष्ट झेले हैं। हम उनकी परेशानियों को कम करने के लिए एकजुट और दृढ़ तरीके से काम कर रहे हैं।

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