विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं 4 अर्जियां

Vikas Dubey's encounter case: विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार अर्जियां दाखिल की गई है जिसमें जांच सीबीआई/एनआईए या कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है।

Vikas Dubey's encounter
Vikas Dubey's encounter 
मुख्य बातें
  • हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के एनकाउंटर की एक विस्तृत जांच की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट में चार अर्जियां दाखिल
  • एनकाउंटर की जांच सीबीआई/एनआईए या कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग

नई दिल्ली : हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के एनकाउंटर की एक विस्तृत जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील अनूप अवस्थी की ओर से दायर की गई है। अवस्थी ने विकास दुबे और उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर के अन्य साथियों के एनकाउंटर की जांच सीबीआई/एनआईए या कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। 

मुठभेड़ के खिलाफ जांच की अर्जी
गौर हो कि गत दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस मुठभेड़ में विकास और उसके छह साथी मुठभेड़ में मारे गए हैं। इन मुठभेड़ों की जांच के लिए मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय ने भी शुक्रवार को कोर्ट में अर्जी दाखिल की। इनके अलावा एनजीओ पीयूसीएल ने विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है। एनजीओ ने विकास दुबे के कथित राजनीतिक संपर्क की न्यायिक जांच की मांग की है। एक अन्य अर्जी अटल बिहारी दुबे की ओर से दायर की गई है और इस अर्जी में यूपी पुलिस की ओर से कथित फर्जी एनकाउंटर की जांच करने की अपील की गई है। 

याचिका दायर कर जांच की मांग

कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर जिस समय आई उस समय सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई गई। इस अर्जी में गैंगस्टर को सुरक्षा देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि हाल के दिनों में यूपी पुलिस अपनी 'फर्जी मुठभेड़ों' में विकास के कई सहयोगियों को मार चुकी है, इसलिए हिस्ट्री शीटर को सुरक्षा मिलनी चाहिए। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की यूपी सरकार से विकास, उसके परिवार एवं सहयोगियों की संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। जांच एजेंसी ने विकास पर चल रहे आपराधिक मामलों की रिपोर्ट भी मांगी है।

शुक्रवार को विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया

विकास गुरुवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया। इसके बाद यूपी पुलिस की एक टीम विकास को उज्जैन से लाने के लिए रवाना हुई। उज्जैन पहुंचने पर यूपी एटीएस ने विकास से पूछताछ की। इस पूछताछ में विकास ने बताया कि पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद वह उनके शवों को जलाना चाहता था लेकिन उसे समय नहीं मिला। ऐसे में उसे शवों को छोड़कर भागना पड़ा। गैंगस्टर ने यह भी बताया कि चौबेपुर पुलिस स्टेशन के अलावा आस-पास के अन्य थानों की पुलिस भी उसकी मदद करती थी।

घटनास्थल पर विकास ने की थी भागने की कोशिश

विकास के एनकाउंटर पर यूपी पुलिस का दावा है कि जब वह उज्जैन से हिस्ट्रीशीटर को लेकर आ रही थी तो उसके काफिले में शामिल एक कार अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। इस हादसे में वह वाहन भी पलटा जिसमें विकास और अन्य पुलिसकर्मी सवार थे। इस दुर्घठना में पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि विकास ने मौके का फायदा उठाकर वहां से भागने की कोशिश की। पुलिस का दावा है कि विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भाग रहा था और पुलिस की टीम ने जब उसे रोका तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं। इस फायरिंग में विकास घायल हुआ जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि विकास को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया।

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