अयोध्या: अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद से ही मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर है। राम मंदिर ट्रस्ट के खाते में भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार लगातार दान दे रहे हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भक्त हैं जो ना केवल पैसे का दान दे रहे हैं बल्कि पैसे के इतर भी मदद कर रहे हैं। बुधवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम् से 4500 किलोमीटर की यात्रा कर एक 613 किलो का घंटा रामलला की नगरी में पहुंचा।
ये है खासियत
'4.1 फीट ऊंचे और 613 किलो वजनी इस घंटे की खास बात है कि इसकी ध्वनि कई किलोमीटर तक सुनाई देती है। घंटे के साथ 17 सितंबर 2020 को तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू हुई 'राम रथ यात्रा' बुधवार को अयोध्या पहुंची। चेन्नई स्थित 'लीगल राइट्स काउंसिल’ द्वारा आयोजित इस यात्रा में एक 4.1 फीट लम्बी घंटी राम मंदिर के लिए लाई गई। इस घंटे को क्रेन से बांधा गया था जिस परर 'जय श्री राम' लिखा हुआ है। इसे लीगल राइट काउंसिल ने भेंट किया है।
राजलक्ष्मी मांडा लेकर पहुंची अयोध्या
आईएनएस के मुताबिक, यह विशेष घंटा तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी मांडा लेकर आई हैं। राजलक्ष्मी बुलेट रानी के नाम से देश में मशहूर हैं। वे विश्व की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने 9़5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। रामरथ पर रखकर यह घंटा अयोध्या लाया गया है। 17 सितंबर को रामरथ यात्रा की शुरुआत हुई थी, जो 7 अक्टूबर को 21 दिन में 10 राज्यों से होकर अयोध्या में पूरी हुई।
चार हजार से अधिक किमी की यात्रा कर अयोध्या पहुंचा घंटा
लीगल राइट काउंसिल की जनरल सेक्रेटरी ने बताया, 'हमने 613 किलो का घंटा बनाया है जिसकी ऊंचाई 4.1 फुट और चौड़ाई 3.9 फीट है। ऊंचाई पर रखकर बजाने से इसकी आवाज 8 किमी की रेडियस तक सुनाई देगी। 4,533 किमी दूरी तय कर हम अयोध्या पहुंचे हैं। रास्ते में जगह-जगह इस घंटे की और भगवान राम दरबार व गणेश की मूर्ति का पूजन किया गया। यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं।
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