सूरत: गुजरात के सूरत में मंगलवार की शाम दूसरे राज्यों के सैकड़ों मजदूर सड़कों पर उतर आए। ये प्रवासी मजदूर उन्हें उनके घर भेजने की मांग कर रहे थे। शहर के वारच्छा इलाके में सड़क पर बैठे मजदूरों की मांग थी कि लॉकडाउन के बावजूद उनके मूल स्थानों को भेजा जाए। हालांकि, कुछ वक्त बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाते हुए मजूदरों को अपने स्थान पर लौटने के लिए राजी कर लिया। बता दें कि वारच्छा सूरत में हीरा पॉलिश करने के काम का केंद्र है।
मजदूरों के जिए भोजन के पैकेट
पीटीआई के मुताबिक मौके पर एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, 'ये प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को जाना चाहते हैं। हमने इन्हें बेसब्र नहीं होने के लिए कहा क्योंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन लागू है।' उन्होंने कहा, 'चूंकि उनमें से कुछ लोग भोजन के बारे में शिकायत कर रहे थे, अत: हमने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को बुलाया और इनके लिए तत्काल भोजन के पैकेट के इंतजाम किए। स्थिति अब नियंत्रण में है।'
देश में तीन मई तक बढ़ा लॉकडाउन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की मंगलवार को घोषणा की। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव किया कि जो क्षेत्र हॉटस्पाट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पाट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां 20 अप्रैल से कुछ छूट दी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने करीब 25 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दूसरे चरण में लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा ।
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