नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में पीएलए के साथ हिंसक झड़प के बाद हिमाचल प्रदेश में चीन से लगने वाली सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक लाहौल, स्पीति एवं किन्नूर जिलों में स्थानीय लोगों के लिए परामर्श भी जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के दो जिले लाहौल स्पीति एवं किन्नूर चीन की सीमा से लगते हैं। राज्य में सभी खुफिया इकाइयों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
सोमवार रात हुई झड़प
बता दें कि सोमवार रात गलवान वैली में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। शुरुआती रिपोर्ट में सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की रिपोर्ट सामने आई लेकिन बाद में सेना ने अपने एक बयान में कहा कि 15/16 जून की रात गलवान घाटी के जिस स्थान पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़क हुई, उस स्थान से दोनों देशों की सेना पीछे हट गई हैं। गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी निभाते समय गंभीर रूप से घायल 17 जवान अत्यंत ऊंचाई पर शून्य तापमान से नीचे मौसम का सामना नहीं कर पाए। जख्मी हालत में होने के चलते सेना ने अपने 17 जवानों को खो दिया। इस तरह से इस हिंसा में कुल 20 जवानों की मौत हो गई।
यथास्थिति में बदलाव कर रही थी चीन की सेना
गलवान में हुई हिंसा पर विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चीन की सेना वहां यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश कर रही थी। इसी के चलते वहां हिंसक झड़प हुई। मंत्रालय के बयान में कहा कहा कि हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’के कारण हुई। बयान के मुताबकि मंत्रालय ने कहा है कि 'पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनेसे बचा जा सकता था।'
गलवान पर चीन ने किया दावा
चीन की सत्तासीन कम्यूनिस्ट पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाने वाले वहां के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने चीनी सेना के हवाले से दावा किया कि गलवान घाटी क्षेत्र पर उसकी ‘हमेशा’संप्रभुता रही है। अखबार ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने ‘जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए’जिस कारण ‘गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’ ग्लोबल टाइम्स ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पश्चिमी थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली के हवाले से कहा, ‘चीन की हमेशा से गलवान घाटी पर संप्रभुता रही है।’
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