नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि हाल ही में संसद की ओर से पारित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देगा और भारत में किसी की नागरिकता नहीं लेगा। भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करते हुए यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल अपने राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं और हिंसा भड़का रहे हैं।
अमित शाह ने कहा, 'सीएए को धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देनी है, यह किसी भी भारतीय की नागरिकता लेने के लिए नहीं है।' गृहमंत्री ने छात्रों से नए अधिनियमित कानून का अध्ययन करने और राजनीतिक दलों के जाल में न पड़ने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, 'कुछ दल अफवाहें फैला रहे हैं और अपने राजनीतिक हित के लिए हिंसा भड़का रहे हैं। मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वह एक बार सीएए को पढ़ें और उनके जाल में न पड़ें।' गौरतलब है कि कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में छात्रों और अन्य लोगों की ओर से व्यापक विरोध के बीच नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर शाह की टिप्पणी सामने आई है।
इस अधिनियम के अनुसार- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के सदस्य, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, उन्हें अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाला बताया है। उन्होने लोगों से अफवाह फैलाने वालों से दूर रहने की अपील की।
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