नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नगालैंड की घटना पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। उन्होंने कहा कि नगालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है। सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
शाह ने कहा कि सेना को ओटिंग, मोन में चरमपंथियों की गतिविधि की सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया। एक वाहन वहां पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया लेकिन उसने भागने की कोशिश की। वाहन में उग्रवादी होने के संदेह में वाहन पर हमला किया गया। वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई। बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है। घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आर्मी यूनिट को घेर लिया, 2 वाहनों में आग लगा दी और उन पर हमला कर दिया। परिणामस्वरूप, एक जवान शहीद हो गया; कई अन्य जवान घायल हो गए। सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई, कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद 5 दिसंबर की शाम लगभग 250 लोगों की उत्तेजित भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के कंपनी ऑपरेटिंग बेस (COB) में तोड़फोड़ की और COB बिल्डिंग में आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स को गोलियां चलानी पड़ीं। इससे एक और नागरिक की मौत हुई। प्रभावित क्षेत्र में किसी और घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सेना के तीसरे कोर मुख्यालय द्वारा एक प्रेस बयान जारी किया गया है जहां निर्दोष नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की घटना पर खेद व्यक्त किया गया है।
सेना ने इस घटना के कारणों की उच्चतम स्तर पर जांच शुरू कर दी है, कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। घटना की खबर मिलते ही मैंने तुरंत राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से संपर्क किया। गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और DGP से भी संपर्क किया। कल स्थिति पर नजर रखी गई थी। गृह मंत्रालय ने तत्काल पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को कोहिमा भेजा जहां उन्होंने आज मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। यह निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के अभियान चलाते समय भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों। सरकार घटना की बारीकी से निगरानी कर रही है और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। 5 दिसंबर को नगालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने साइट का दौरा किया। प्राथमिकी दर्ज कर गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच राज्य अपराध पुलिस थाने को सौंप दी गई है। एसआईटी गठित की गई है, उसे एक माह के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
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