नीति और नीयत दोनों साफ, हर मोर्चे पर मजबूती से खड़े योगी आदित्‍यनाथ

देश
कुलदीप राघव
Updated Apr 11, 2020 | 23:50 IST

चाहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में तत्‍परता हो या इस महामारी की वजह से प्रभावित गरीबों की मदद करना हो, 23 करोड़ आबादी वाले सूबे के मुखिया योगी आदित्‍यनाथ हर मोर्चे पर मजबूती से खड़े हैं।

Yogi Adityanath CM UP.jpg
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वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनियाभर को जैसे हिलाकर रख दिया है। जनजीवन अस्‍त वयस्‍त है। डरे सहमे लोग घरों में कैद हैं। उद्योग-धंधे बंद हैं। 21 दिन का लॉकडाउन लगभग पूरा होने आ गया है लेकिन भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में सरकारों के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। एक तरफ कोरोना के संक्रमण को रोकना और दूसरी तरफ जनता के टूटते हौसले को मजबूत रखना, दोनों बेहद आवश्‍यक हैं।

केंद्र सरकार और तमाम राज्‍य सरकारें आपसी तालमेल और सामंजस्‍य के साथ इस महामारी से जिस तरह निपट रही हैं, वह सराहनीय है। कई राज्‍य सरकारों ने केंद्र के साथ मिलकर कोरोना को रोकने के ल‍िए अहम कदम भी उठाए हैं और वहीं कई मुख्‍यमंत्रियों ने इस संकट को अवसर में बदलकर नेतृत्‍व कौशल का नायाब उदाहरण पेश किया है। इन्‍हीं में से एक हैं उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ। 23 करोड़ आबादी वाले सूबे के मुखिया योगी आदित्‍यनाथ कोरोना से इस जंग में हर मोर्चे पर मजबूती से खड़े हैं। 

उत्‍तर प्रदेश का जनसंख्‍या घनत्‍व अधिक है और यही वजह है कि इस राज्‍य की चुनौतियां काफी अधिक हैं। चाहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में तत्‍परता और गुणवत्‍ता हो या इस महामारी की वजह से प्रभावित लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाना हो, हर मोर्चे पर योगी आदित्‍यनाथ की कुशल शासक वाली सोच नजर आई। अगर उद्योग धंधे बंद होंगे और दैनिक मजदूर घरों से नहीं निकलेंगे तो खाएंगे क्‍या, इस बात को योगी आदित्‍यनाथ ने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही समझ लिया और गरीबों के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर दिया।

गरीबों के पोषण की चिंता: 02 करोड़ 18 लाख जरूरतमंदों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराना, 35 लाख दिहाड़ी मजदूरों तथा खोमचे वालों को प्रति महीने 1000 रुपये आर्थिक सहायता देना, मनरेगा मजदूरों के खाते में ₹611 करोड़ की धनराशि हस्‍तांतरित करना, राज्य के 11 लाख से ज्यादा निर्माण श्रमिकों के खाते में 1,000 रुपये भेजना, 87 लाख लाभार्थियों को दी 871 करोड़ रुपए पेंशन भेजना, यह बताता है कि योगी आदित्‍यनाथ इस संकट की घड़ी में गरीबों-निराश्रितों के लिए चिंतित हैं। सरकार अब तक 2000 करोड़ से ज्‍यादा रुपये राहत पैकेज के रूप में जरूरतमंदों के खाते में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर की मदद से भेज चुकी है। प्रदेश की जनता को कोरोना से बचाने और इस दौरान उनकी सभी दैनिक जरूरतें पूरा करने के लिए डोर स्‍टेप डिलीवरी प्रभावी कदम साबित हुआ।

जांच से लेकर रोकथाम पर नजर: दूसरी तरफ कोरोना को हराने के लिए प्रदेश में चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ करने के लिए वह जुटे हुए हैं। उनके नेतृत्‍व में जांच में तेजी के लिए तहसील स्‍तर पर सेंपल कलेक्‍शन सेंटर स्‍थापित किए, वहीं हर मंडल स्‍तर पर कोरोना टेस्टिंग लैब स्‍थापित की। जब कोरोना का पहला पॉजिटिव केस आया, तब प्रदेश में एक भी लैब नहीं थी। आज उत्तर प्रदेश में 10 टेस्टिंग लैब कार्य कर रही हैं। प्रदेश में रोजाना 1000 से अधिक लोगों की जांच की जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश में लेवल-1 के लिए 78 अस्‍पताल, लेवल-2 के लिए निजी क्षेत्र के 13 हॉस्पिटल्स और 6 सरकारी क्षेत्र के हॉस्पिटल नोटिफाई किए। वहीं पहले से 45 सरकारी और निजी क्षेत्रों के सामान्य हॉस्पिटलों में लेवल-2 की चिकित्सा उपलब्‍ध है।

अस्‍पतालों में तैयारी पूरी:  कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्‍या को देखते हुए लेवल-3 के ल‍िए 6 हॉस्पिटल्स में 200 बेड और वेंटिलेटर क्रिटिकल केयर के लिए तैयार किए गए हैं। वहीं प्रदेश भर में 10 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड्स की व्‍यवस्‍था की गई। मुख्‍यमंत्री ने एक मॉडल के रूप में टीम 11 का गठन किया जिसकी अध्‍यक्षता वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी करते हैं। इन्‍हीं 11 टीमों के जिम्‍मे प्रदेश का हर कार्य बंटा हुआ है। योगी आदित्‍यनाथ रोज टीम 11 से साथ बैठक करते हैं।

कई देशों को दिखाया मॉडल: उत्‍तर प्रदेश की आबादी 23 करोड़ है और यहां कोरोना संक्रमितों की संख्‍या 448 है। वहीं 6 करोड़ की आबादी वाले देश इटली में कोरोना के 1,52,271 (19468 मौतें) मामले सामने आ चुके हैं, वहीं स्‍पेन की बात करें तो यहां की आबादी 5 करोड़ के आसपास है और यहां कोरोना के 1,61,883 (16480 मौतें) मामले सामने आए हैं। उत्‍तर प्रदेश का यह मॉडल वैश्विक स्‍तर पर भी कई देशों के ल‍िए उदाहरण है। 

जमात की चुनौती से निपटे: तबलीगी जमात के कारण सबसे बड़ी चुनौती उत्‍तर प्रदेश के सामने ही खड़ी हुई। यहां आधे से अधिक कोरोना संक्रमित जमात से जुड़े लोग ही हैं। योगी आदित्‍यनाथ ने सख्‍त तेवर दिखाते हुए जमातियों के इस उपद्रव को भी काबू करने का काम कुशाग्रता के साथ किया। 20 मार्च को जब बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर को लखनऊ में कोरोना की पुष्टि हुई और यूपी सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने भी खुद क्वारंटाइन कर लिया, तब योगी आदित्‍यनाथ ने कोरोना से निपटने को मोर्चा संभाल लिया। कई मंत्री जो या तो कनिका कपूर की पार्टी का हिस्‍सा थे या स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के संपर्क में आए थे, वह भी सेल्‍फ आइसोलेशन में चले गए। 

योगी आदित्‍यनाथ संकट की इस घड़ी में जिस तेवर में नजर आए, उसकी बदौलत राष्ट्रीय स्‍तर पर उनकी छवि एक कुशल शासक और सफल नायक की बनकर उभरी है। यही वजह है कि ना केवल उत्‍तर प्रदेश में बल्कि देशभर में योगी आदित्‍यनाथ की स्‍वीकार्यता बढ़ी है और यही स्‍वीकार्यता उनके लिए भविष्‍य की राह प्रशस्‍त करेगी।

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