नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। इस बीच सेना की तरफ से लगातार अपनी क्षमता में भी इजाफा किया जा रहा है। चीन से लगने वाली सीमा सहित दूरदराज के इलाकों में सैनिकों तथा मशीनों की शीघ्र ले जाने और अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय वायुसेना ने एक अहम फैसला लिया है। वायुसेना ने असम के मोहनबारी एयरबेस पर अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार चिनूक हेलीकॉप्टर को तैनात कर दिया है। चिनूक की खासियत यह है कि यह हजारों किलो की तोप को भी आसानी से उठा सकता है।
पेमा खांडू ने ट्वीट किया वीडियो
एएनआई के मुताबिक गुरुवार को चिनूक पहली बार अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सेक्टर में ऑपरेशन के लिए तैनात किए गए, जहां उन्होंने तीन तरफ से म्यांमार से घिरे राज्य के सबसे दूरस्थ हिस्से में 8.3 टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की थी। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने विजयनगर में नागरिकों के लिए खाद्य आपूर्ति के साथ हेलिकॉप्टर उतारने का एक वीडियो भी ट्वीट किया।
सबसे उन्नत हेलीकॉप्टर है चिनूक
चिनूक को हाल ही में असम के मोहनबाड़ी एयरबेस में शामिल किया गया था और जल्द ही इसे सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य आस-पास के इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैनात किया जाएगा। चिनूक को अंतर-घाटी सैन्य टुकड़ी के संचालन के लिए सबसे अच्छे हेलिकॉप्टरों में से एक माना जाता है। इसकी एक झलक हाल ही में उत्तरी सिक्किम में देखने को मिली थी जहां चीनी बड़ी संख्या में भारतीय सीमा पर आ गए थे।
हर तरह से है सक्षम
वायु सेना का मानना है कि चिनूक, 20,000 फीट की अपनी ऑपरेटिंग क्षमता के साथ, देश में हेली-लिफ्ट संचालन को फिर से परिभाषित करेगा, जिसमें सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने, सीमा पर तोपखाने की तोपों की ढुलाई और सीमा सड़क संगठन के लिए भारी भरकम मशीनों की ढुलाई तक शामिल हैं। इसका प्रयोग दूर-दराज के संकट प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए भी उपयोग किया जाएगा।
मिशन ओसामा' में शामिल
चिनूक वही हेलीकॉप्टर है जो आतंकी ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए चलाए गए ऑपरेशन में शामिल था। रात के अंधेरे में एबटाबाद में मौजूद ओसामा बिन लादेन को ढेर करने के लिए सी हॉक हेलीकॉप्टर पर सवाल होकर अमेरिका के सील कमांडो पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए थे। यह मिशन काफी जोखिम भरा था इसलिए पुख्ता योजना बहुत जरूरी थी। चिनूक हेलीकॉप्टर इस प्लानिंग का अहम हिस्सा था। इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग रोटरक्राफ्ट्स सिस्टम ने बनाया है।
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