'चीन के साथ हमारी बातचीत चल रही है', मध्‍यस्‍थता की पेशकश पर डोनाल्‍ड ट्रंप को भारत ने दिया जवाब

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Updated May 28, 2020 | 22:22 IST

India China border dipute: अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने LAC पर भारत-चीन के बीच हालिया सैन्‍य टकराव को देखते हुए मध्‍यस्‍थता की पेशकश की थी, जिस पर भारत ने कहा है कि चीन से इस मसले बातचीत जारी है।

'चीन के साथ हमारी बातचीत चल रही है', मध्‍यस्‍थता की पेशकश पर डोनाल्‍ड ट्रंप को भारत ने दिया जवाब
'चीन के साथ हमारी बातचीत चल रही है', मध्‍यस्‍थता की पेशकश पर डोनाल्‍ड ट्रंप को भारत ने दिया जवाब  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैन्‍य टकराव के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप ने मध्‍यस्‍थता की पेशकश की थी
  • अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि उन्‍होंने इस संबंध में दोनों पक्षों को अवगत करा दिया है
  • डोनाल्‍ड ट्रंप की उसी पेशकश पर अब भारत ने जवाब दिया है और कहा है कि चीन से बातचीत जारी है

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिये चीनी पक्ष के साथ बातचीत चल रही है। भारत की इस सधी हुई प्रतिक्रिया को एक तरह से इस मुद्दे पर एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को एक तरह से अस्वीकार करने के रूप में देखा जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आनलाइन माध्यम से पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, 'हम इसके शांतिपूर्ण ढंग से समाधान के लिए चीनी पक्ष के साथ बात कर रहे हैं।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हालांकि ऐसे प्रश्नों के जवाब नहीं दिये जिसमें पूछा गया था कि क्या अमेरिका ने अपनी पेशकश को लेकर भारत से सम्पर्क किया है? और क्या भारत ने अमेरिका या ट्रंप प्रशासन को इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराया है जो पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर है।

ट्रंप ने की थी मध्‍यस्‍थता की पेशकश

भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि वह इन दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिये मध्यस्थता करने को तैयार है और इस बारे में इन्हें बताया गया है। ट्रंप इससे पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं और इस प्रस्ताव को भारत ने अस्वीकार कर दिया था।

पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाये रखने के उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्ध है तथा भारतीय और चीनी बल इस मामले में दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति का सतर्कतापूर्वक पालन करते हैं। उन्होंने कहा, 'बहरहाल, हम भारत की सम्प्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के हमारे संकल्प को लेकर दृढ़ हैं।'

भारत ने रखी अपनी बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सैनिक समस्या के समाधान के लिए चीन के साथ द्विपक्षीय समझौते में दी गई प्रक्रियाओं एवं द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन कर रहे हैं । सीमा प्रबंधन को लेकर भारतीय सैनिकों का रूख काफी जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा, 'भारत, चीन ने बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तरों पर तंत्र स्थापित किए हैं। हमारे सशस्त्र बलों ने नेताओं के बीच बनी सहमति और दिशा निर्देश का गंभीरता के साथ पालन किया।'

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति के शांतिपूर्ण ढंग से समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक स्तर पर तंत्र स्थापित किए हैं और इन माध्यमों के जरिेये जुड़े हैं। बहरहाल, बुधवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाव लिजियान ने कहा कि भारत और चीन के बीच मुद्दों के बातचीत और संवाद के जरिये समाधान के लिये उपयुक्त तंत्र और संवाद के माध्यम उपलब्ध हैं। समझा जाता है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये इस मुद्दे का समाधान निकालने को आशन्वित हैं।

लद्दाख में भारत-चीन के बीच झड़प

गौरतलब है कि लद्दाख में स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 5 मई को झड़प हो गई और इसके बाद स्थानीय कमांडरों के बीच बैठक के बाद दोनों पक्षों में कुछ सहमति बन सकी। इस घटना में भारतीय और चीनी पक्ष के 100 सैनिक घायल हो गए थे। इस घटना पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। 9 मई को उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी।

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