Dhakad Exclusive: 'कुतुब मीनार' में पूजा नहीं तो 'Taj Mahal' में नमाज कैसे ?

No worship in Qutub Minar: ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर ने कुतुब मीनार पर किये गए सर्वे में बताया था कि कुतुब मीनार के बाएं ओर पर बने प्रवेश द्वार हिंदी अक्षरों में संवत 259 लिखा है, कुतुब मीनार पर आज भी मौजूद कुछ शिल्पकृतियां सम्राट अशोक के समय से भी पहले हैं,इन शिल्पकृतियों से साबित होता है कि मीनार गुप्त काल से भी पहले बनवाई गई थी।

No worship in Qutub Minar
Qutub Minar में पूजा की इजाजत पर कोर्ट में सुनवाई हुई 

Qutub Minar Controversy: राजधानी दिल्ली के कुतुब मीनार में पूजा की इजाजत पर कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने अपने फैसले को 9 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि Qutub Minar पर दावा है कि कुतुब मीनार 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया है। साथ ही साथ राजा पृथ्वीराज चौहान से बदला लेने के लिए मुस्लिम शासक मोहम्मद गोरी इसे बनाया था जिसका जिक्र ASI की सन 1871-72 की 41 पन्नों की रिपोर्ट में मिलता है।

अंग्रेजों के जमाने की ASI की 151 साल पुरानी ये वो एक्सक्लूसिव रिपोर्ट है जो इस बात की तस्दीक करती है कि कुतुब मीनार मुगलिया और मुस्लिम आक्रांतों के आने से पहले से मौजूद है 1871-72 यानी आज से डेढ़ सौ साल पहले ASI के तत्कालीन अफसर जे डी बेगलर ने कुतुब मीनार में सर्वे किया था और ये रिपोर्ट तैयार की थी इस रिपोर्ट में जे डी बेगलर ने कुतुब मीनार पर बड़े खुलासे किये थे कुतुब मीनार और कुतुब मीनार परिसर के हिंदुस्तान में इस्लामिक साम्राज्य आने के सैकड़ों साल  पहले से मौजूद होने का दावा किया था।

'कुतुब मीनार पर मौजूद घंटे, कमल और TRIANGLE के निशान है'

'टाइम्स नाऊ नवभारत' के पास डेढ़ सौ साल पुरानी एएसआई की जो सर्वे रिपोर्ट है उसके मुताबिक ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर बताते हैं कि कुतुब मीनार पर मौजूद घंटे, कमल और TRIANGLE के निशान हैं साथ ही खजुराहो मंदिर जैसी कारीगरी का नमूना भी है लेकिन मीनार पर मौजूद अरबी के निशानों को देख कर लगता है कि कुतुब मीनार के पत्थरों को गहराई से काटने के बाद इन्हें लगाया गया है।

कुतुबमीनार परिसर में आज भी देवी देवताओं की मूर्तियां, भगवान महावीर की मूर्ति, हिंदू शिल्पकला के निशान स्पष्ट दिखाई देते हैं और इसी बात का जिक्र अपनी रिपोर्ट में जेडी बेगलर ने भी किया था।

जे डी बेगलर लिखते हैं-'इसका निर्माण हिंदू मंदिर को तोड़ कर किया गया था'

ASI ने 1871-72 के सर्वे में ये भी पाया था कि कुतुब मीनार और परिसर में बने मंदिरों को एक साथ, एक ही समय मे बनवाया गया था. अपनी रिपोर्ट में जे डी बेगलर लिखते हैं कि कुतुब मस्जिद में साफ सबूत मौजूद हैं कि इसका निर्माण हिंदू मंदिर को तोड़ कर किया गया था, निर्माण में हिंदू शिल्पकृति का इस्तेमाल हुआ था, खुदाई में देवी लक्ष्मी की 2 मूर्तियां मिलीं।

'अरबी यात्री इब्नबतूता तक ने पूरे कुतुब मीनार परिसर को हिंदू परिसर कहा था'

अंग्रेज अफसर बेगलर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि अरबी यात्री इब्नबतूता तक ने पूरे कुतुब मीनार परिसर को हिंदू परिसर कहा था और अपनी किताब में यहां 27 मंदिर होने की बात लिखी थी इतना ही नहीं उन्होंने कुतुब मस्जिद को नष्ट हुआ हिंदू मंदिर बताया था और कहा था कि मस्जिद की दीवारें ही इसके हिंदू मंदिर होने की गवाही दे रही हैं, लेकिन अब चूंकि मामला कोर्ट में है तो ज्यादा बेसब्री दिखाने से अच्छा है कि अदालत के फैसले का इंतजार किया जाए क्योंकि देश में कानून का शासन है।

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