महाकाल क्षेत्र के पास बनी मस्जिद का अवैध हिस्सा किया गया ध्वस्त, SC के आदेश के बाद हुई कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उज्जैन में महाकाल एरिया के आसपास के 500 मीटर के इलाके में बने अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

Illegal part of mosque demolished in Mahakal area in Ujjain Madhya Pradesh
महाकाल क्षेत्र के पास बनी मस्जिद का अवैध हिस्सा ढहाया गया 
मुख्य बातें
  • उज्जैन के महाकाल मंदिर के आसपास के अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई
  • भारी पुलिस फोर्स के साथ तकिया मस्जिद के अवैध निर्माण को ढहाया गया
  • इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल रहा तैनात

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल क्षेत्र के रुद्रसागर में गुरुवार को तकिया मस्जिद के अतिक्रमण वाले हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया और यहां तक पहुंचने वाले सभी रास्तों को पहले ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए इस इलाके में गुरुवार सुबह से करीब 500 मीटर के दायरे में 600 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे।

कोर्ट का आदेश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को ही महाकाल मंदिर को लेकर बड़ा आदेश देते हुए कहा था कि मंदिर की 500 मीटर की परिधि में अतिक्रमण को हटाया जाय। इसी आदेश के तहत ये कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई को इतने गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया कि किसी को पहले भनक तक नहीं लगी। भारी पुलिस बल के बीच प्रशासन ने जेसीबी की मदद से मस्जिद के अवैध हिस्से को ढहाया। यह कार्रवाई सुबह 11 बजे तक जारी रही है। कोर्ट के आदेश के हवाला देते हुए एएसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इस तरह के अवैध निर्माण को ढहाने की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।

सीएम ने की थी अतिक्रमण अभियान की समीक्षा
भारी पुलिस के चलते किसी तरह का कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ था।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिक्रमण अभियान की समीक्षा की थी और इस पर अधिकारियों की सुस्ती को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए और उसी का नतीजा है कि प्रशासन ने अवैध निर्माण कार्यों पर अपना बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है।

बरती गई गोपनीयता
तकिया मस्जिद के अवैध निर्माण को ढहाने के लिए किस कदर गोपनीयता बरती गई उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां तैनात पुलिसकर्मियों को रात 12 बजे तक नहीं पता था कि उन्हें कहां जाना है। बुधवार रात 12 बजे जब उन्हें पुलिस लाइन में बुलाया गया तो उसके बाद उन्हें जानकारी दी गई कि उनकी तैनाती कहां पर होनी है।

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