नई दिल्ली: भारत और चीन आज दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में मेजर जनरल स्तर की वार्ता करेंगे, इसमें चीन द्वारा लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास डिसएंगेजमेंट पर चर्चा होगी। भारतीय सेना के सूत्रों से ये जानकारी सामने आई है। इससे पहले 2 अगस्त को दोनों देशों के सैनिकों के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई। ये बातचीत मोल्डो में हुई। भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की ये पांचवें दौर की बातचीत थी।
सभी बातचीत में भारत की तरफ से टकराव वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों के जल्द से जल्द पूरी तरह पीछे हटने को लेकर जोर डाला जा रहा है। दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य वार्ता में लगे हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना गलवान घाटी और टकराव वाले कुछ अन्य स्थानों से पहले ही पीछे हट चुकी है, लेकिन भारत की मांग के अनुसार पैंगोंग सो में फिंगर इलाकों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। भारत इस बात पर जोर देता आ रहा है कि चीन को फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच वाले इलाकों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए।
वहीं भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उम्मीद करता है कि चीन पूर्वी लद्दाख में पूर्ण रूप से पीछे हटने और तनाव की समाप्ति सुनिश्चित करने के लिये गंभीरता से काम करेगा जैसा कि पिछले महीने दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों ने निर्णय किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जल्द एवं पूर्ण रूप से पीछे हटना, भारत चीन सीमा क्षेत्रों में तनाव समाप्त करना तथा पूर्ण रूप से शांति बहाली द्विपक्षीय संबंधों के सहज सम्पूर्ण विकास के लिये जरूरी है।'
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