नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी विवाद के बीच खबर आई है कि पेट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17A पर पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हुआ है, यानी दोनों की सेनाएं पीछे हट गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तरों पर जारी संवाद के कारण पेट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17 ए में पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हुआ है। वहीं आने वाले सप्ताह में वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बैठक होने की उम्मीद है, जिस पर पैंगोंग त्सो झील को लेकर चर्चा हो सकती है। इनपुट्स के अनुसार, पेट्रोलिंग पॉइंट (PP) 15 पर जिसे आमतौर पर हॉट स्प्रिंग्स के नाम से जाना जाता है, PP-14 (गलवान वैली) और PP-17A (गोगरा) में पूरी तरह से सेनाएं पीछे हट गई हैं।
इससे पहले भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के संघर्ष वाले क्षेत्र से पूरी तरह और जल्द सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देशों ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से शांति बहाली जरूरी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार की बैठक के बाद दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि त्वरित ढंग से पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए आगे के कदम तय करने के वास्ते वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की एक और बैठक हो सकती है। बैठक करीब तीन घंटे तक चली।
15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे। इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन को भी काफी नुकसान हुआ था। 5 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए चर्चा की थी । दोनों पक्षों ने इस वार्ता के बाद छह जुलाई के बाद पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी ।
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