नई दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मचे कोहराम के बीच अब चीन के खिलाफ एक बड़ा आरोप सामने आया है। बताया जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर एक गुप्त समझौता किया है, ताकि वह भारत और अपने पश्चिमी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अपनी जैविक हथियार क्षमता बढ़ा सके। इसके तहत दोनों देशों के बीच खतरनाक रसायन एंथ्रेक्स को लेकर कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
चीन के खिलाफ यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पहले से ही चीन पर उंगली उठ रही है। अमेरिका कई बार कह चुका है कि दुनियाभर में कहर बरपाने वाला यह घातक संक्रमण के वुहान स्थित प्रयोशाला से निकला है। दुनिया के कई अन्य देशों ने भी चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से इस संक्रामक वायरस के निकलने के आरोप लगाए हैं, जिससे दुनियाभर में तबाही मची हुई है।
अब एक अन्य रिपेार्ट में यह दावा किया गया है कि चीन अपने 'सदाबहार' दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर अपनी जैविक युद्ध क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है। 'द क्लक्सॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए चीन फंडिंग कर रहा है और इसके लिए उसने पाकिस्तान की सेना के डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (DESTO) के साथ तीन साल के लिए गोपनीय करार किया है।
चीन-पाकिस्तान के इस गठजोड़ को लेकर खुफिया सूत्रों का यह भी कहना है कि चीन इस परियोजना से जुड़े जैविक एजेंट्स का परीक्षण अपनी सीमा से बाहर कर रहा है, ताकि पहले से ही कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के केंद्र में मौजूद बीजिंग को और अधिक वैश्विक आलोचनाओं का सामना न करना पड़े। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि चीन मुख्य रूप से भारत के खिलाफ पाकिस्तान को खड़ा करने की कोशिश कर रहा है और इसलिए खुद भी इसमें शामिल है।