श्वेता सिंह/नई दिल्ली: वीर हैं हम, वीरता दिखाते हैं, न कि दुश्मन की तरह वीरता का अभिनय करते हुए वीडियो बनाकर उसे दुनिया के सामने पेश करते हैं। धरती मां के सपूत हैं कफन सर पर बांधकर चलते हैं। पौरुष और देश पर मर मिटने की कहानियों से हमारा इतिहास पटा है, उन्हें ही पढ़कर तुम हमें धौस दिखाते हो...!!
भारत और चीन के बीच एक बार फिर सीमा विवाद ने तूल पकड़ा है। दोनों पक्षों की कई बार सैन्य वार्ता के बाद दोनों देश पूर्वी लद्दाख के इस इलाके से धीरे-धीरे अपनी सेनाएं पीछे हटाने को राजी हुए। हालांकि अभी भी दोनों दलों में तनातनी बरकरार है। दोनों देशों के सैन्य दलों में कमी जरूर देखी जा रही है, लेकिन पूरी तरह से हटे नहीं हैं। कुछ खबरों की मानें तो दोनों देशों के सैनिकों के यहां से हटने में लंबा वक्त लग सकता है। शायद इसी कारण बिना किसी पूर्व जानकारी के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह से करीब 25 किलोमीटर दूर न्योमा पहुंचे तो एक तरफ जवानों का हौसला बढ़ा वहीं दूसरी तरफ दुश्मन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ा।
भारत ने इस बार दृढ़ता के साथ न सिर्फ चीन को बल्कि पूरे विश्व में इस बात का डंका बजा दिया है कि अगर किसी ने भारत की सीमा को लांघने की कोशिश सपने में भी की, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। आज देश एक मजबूत स्थिति में है। चीन भी ये जानता है कि भारतीय जांबाजों का मुकाबला उसके वीडियो वाले सैन्य दल नहीं कर सकते।
बावजूद इसके हर बार पीठ पर वार करने वाले चीन को इस बार अपनी कमजोरी और भारत की मजबूती का एहसास हुआ बखूबी हुआ है। कायरों की तरह हमला करने वाले चीन को मोदी सरकार ने व्यापारिक दृष्टि से जोर का झटका धीरे से दिया। एक तरफ सीमा पर हमारे सैन्य दल तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा चीन के 59 ऐप पर पाबंदी लगाकर भारत ने चीन को ऐसी पटखनी दी है कि वो तिलमिला गया है।
लेखिक मिरर नाउ में सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर हैं
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