नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि देश की सुरक्षा एवं संप्रुभता की सुरक्षा के लिए टिक टॉक सहित चीन के 59 ऐप पर बैन लगाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा,'हमारी सीमा पर नजर गड़ाने वालों के साथ आंख में आंख डालकर कैसे निपटना है और अपने नागरिकों की सुरक्षा कैसे करनी है, यह भारत अच्छी तरह से जानता है। भारत यहां तक कि डिजिटल स्ट्राइक भी कर सकता है।' रविशंकर प्रसाद ने यह बात पश्चिम बंगाल में भाजपा की एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कही।
'भारत एक शांतिप्रिय देश'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है लेकिन कोई अगर उसकी तरफ बुरी नीयत से देखेगा तो उसे करारा जवाब मिलेगा। भारत ने सुरक्षा का हवाला देकर यूसी ब्राउजर, टिक टॉक सहित चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया है। जिन ऐप पर प्रतिबंध लगा है उनमें हेलो, लाइकी, कैमस्कैनर, विगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल शियोमी, क्लैश ऑफ किंग्स सहित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्ट्री एवं शेन शामिल हैं।
प्रसाद ने टीएमसी पर साधा निशाना
रैली में टीएमसी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में अब हम अजीब ट्रेंड देख रहे हैं। सत्तारूढ़ टीएमसी पहले पूछती थी कि हम चीन के ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहे हैं। अब वह जानना चाहती हैं कि हमने यह बैन क्यों लगाया। यह अजीब है। संकट के समय क्या वह सरकार के साथ नहीं खड़े हो सकती?'
गलवान घाटी की हिंसा के बाद भारत-चीन के रिश्ते तल्ख
गत 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों ने अपनी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर वार्ता भी चल रही है। इस बीच, चीन को कड़ा संदेश देने के लिए भारत सरकार ने गत सोमवार को चीन के स्वामित्व वाली 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यही नहीं, इसके दो दिन बाद सरकार ने भारत में चीन के निवेश में कमी लाने की दिशा में कदम उठाया। सरकार ने कहा कि वह राजमार्ग परियोजनाओं में चीनी कंपनियों को शामिल होने की इजाजत नहीं देगी।
चीन को आर्थिक झटका दे रहा भारत
गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद भारत में चीन के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया है। लोग चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। चीन को आर्थिक रूप से झटका देने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे ने चीनी कंपनियों का 402 करोड़ रुपए का ठेका रद्द कर दिया है जबकि महाराष्ट्र सरकार ने चीन कंपनियों के 5000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। आने वाले दिनों में सरकार कुछ इसी तरह के और कदमों की घोषणा कर सकती है।
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