नई दिल्ली : भारत ने जम्मू कश्मीर को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बयान की कड़ी आलोचना की है और दो टूक कहा कि वह इस मामले से दूर रहे। भारत की यह प्रतिक्रिया OIC के उस बयान को लेकर आई है, जिसमें जम्मू कश्मीर को लेकर भारत सरकार के अगस्त 2019 के फैसले को निरस्त करने पर जोर दिया गया है। OIC के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने साफ कर दिया है कि इस तरह की टीका-टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर पर OIC महासचिव की ओर से की गई टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस मामले में कोई पक्षकार नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर OIC की टिप्पणी किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।'
भारत ने OIC को यह नसीहत भी दी कि वह अपने मंच का इस्तेमाल भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से संबंधित टीका-टिप्पणी के लिए किसी को भी न करने दे। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'यह दोहराया जाता है कि OIC महासचिव को निहित स्वार्थों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।'
यहां उल्लेखनीय है कि भारत ने दो साल पहले 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर दिया था। तभी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत के खिलाफ हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मसले को उजागर करने की कोशिश करता है। न केवल संयुक्त राष्ट्र में, बल्कि OIC जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसने इस मसले को उठाया है।
जम्मू कश्मीर पर OIC के ताजा बयान को पाकिस्तान की ऐसी ही सक्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसर भारत ने दो टूक जवाब दिया है। भारत पहले भी अंतराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक मसला है और इस पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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