नई दिल्ली : हाथरस सामूहिक दुष्कर्म केस में संयुक्त राष्ट्र अधिकारी के बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूएन अधिकारी की इस टिप्पणी को 'अवांछित' करार देते हुए कहा है कि 'बाहरी एजेंसी की अनावश्यक टिप्पणी को नजरअंदाज करने की जरूरत है।' भारत ने दो टूक कहा कि देश का संविधान सभी को समान अधिकार देता है और सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।
हाथरस और बलरामपुर दुष्कर्म केस के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर रेनाटा लोक-दसालिन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह 'अवांछित टिप्पणी' है। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है और किसी भी विदेशी एजेंसी की अनावश्यक टिपणी को नजरअंदाज करना ही बेहतर है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूएन रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर को यह बात मालूम होनी चाहिए कि सरकार ऐसे मामलों को गंभीरता से लेती है और निर्धारित समय के भीतर कार्रवाई करती है।
यूएन राजनयिक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'संविधान भारत के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। एक लोकतांत्रिक देश के तौर पर हमारे समाज के सभी वर्गों को समयबद्ध न्याय प्रदान करने का हमारा रिकॉर्ड है।' यूएन राजनकि ने हाथ की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दुखद बताया था, जिस पर अब भारत ने प्रतिक्रिया दी है।
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