नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों के के विरोध प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की टिप्पणी को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर दो टूक कहा कि आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसान प्रदर्शन पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने उच्चायुक्त से कहा कि इस तरह की टिप्पणियां द्विपक्षीय संबंधों को क्षति पहुंचाने वाली हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप है। अगर यह जारी रहा तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचेगा।'
विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर कनाडा के नेताओं की गई टिप्पणी के कारण कनाडा में भारतीय उच्चायोग के सामने भीड़ जमा होने को बढ़ावा मिला, जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है।
यहां उल्लेखनीय है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार (30 नवंबर) को गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कनाडा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि वह किसानों के प्रदर्शन के बारे में भारत से आने वाली खबरों को नजरअंदाज करते हैं तो वह कुछ चूक करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का हमेशा बचाव करेगा।
भारत ने इस पर अगले ही दिन कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कनाडा के पीएम और वहां के अन्य नेताओं की किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर तब जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों और अब शुक्रवार (4 दिसंबर) को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर नाराजगी जताई है।
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