नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच दोनों देशों के शीर्ष सैन्य कमांडर्स ने मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि उनकी मुलाकात 22 और 23 मई को हुई है, जिसमें पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने और शांति बहाली को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच इस तनाव को दूर करने के लिए राजनयिक संपर्क भी जारी है।
भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स की मुलाकात की रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है, जबकि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई क्षेत्रों में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है और माना जा रहा है कि अगर यह इसी तरह जारी रहा तो यह 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच बड़ा सैन्य टकराव का रूप ले सकता है। मई की शुरुआत से लेकर अब तक एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई झड़प हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, लद्दाख में भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर्स एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं, वहीं नई दिल्ली व बीजिंग में राजनयिक स्तर पर भी इस मसले को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय सेना अपनी स्थिति पर डटी हुई है और इसने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत बना ली है। भारत अपने इस रुख पर लगातार कायम है कि वह अपनी सीमा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा और हालांकि भारत का यकीन शांति में है, पर जब बात अपनी भूमि की रक्षा हो तो वह कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा।
चीन से बढ़ती तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शीर्ष स्तरीय सुरक्षा बैठक में हिस्सा लिया है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुख भी शामिल हुए। यह बैठक प्रधामनंत्री कार्यालय में मंगलवार शाम बुलाई गई। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल रावत और तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात कर पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव को लेकर नवीनतम जानकारी ली।
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