चीन को सबक सिखाने की तैयारी में भारत, पैंगोंग झील में गश्‍त करेगी अत्‍याधुनिक बोट्स

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Updated Jan 02, 2021 | 06:44 IST | भाषा

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच सेना ने पैंगोंग झील और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र के अन्य जलाशयों में गश्‍त बढ़ाने के लिए 12 अत्‍याधुनिक नौकाओं की खरीद को मंजूरी दे दी है।

चीन को सबक सिखाने की तैयारी में भारत, पैंगोंग झील में गश्‍त करेगी अत्‍याधुनिक बोट्स
चीन को सबक सिखाने की तैयारी में भारत, पैंगोंग झील में गश्‍त करेगी अत्‍याधुनिक बोट्स  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील समेत बड़े जलाशयों में अपनी निगरानी बढ़ाने के लिए 12 अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं की खरीद के लिए स्वीकृति दे दी है। यह खरीद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है।

सेना ने कहा है कि उसने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित झीलों समेत विभिन्न जलाशयों में निगरानी और गश्ती के लिए 12 तीव्र गश्ती नौकाओं के लिए सरकारी उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ अनुबंध पर दस्तखत किया है। सेना ने ट्वीट किया, 'आपूर्ति मई 2021 से शुरू हो जाएगी।'

बोट्स में होंगी विशेष सुविधाएं

अधिकारियों ने बताया कि पैंगोंग झील के साथ पहाड़ी क्षेत्र में अन्य जलाशयों में निगरानी बढ़ाने के मकसद से इन नौकाओं की खरीद की जा रही है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने एक बयान में कहा कि उसने अत्याधुनिक गश्ती नौका के लिए बृहस्पतिवार को भारतीय सेना के साथ एक अनुबंध पर दस्तखत किया है। इन नौकाओं में सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुरूप विशेष उपकरण लगाए जाएंगे।

जीएसएल ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'जीएसएल, गोवा में इन नौकाओं (क्राफ्ट) का निर्माण किया जाएगा और विशेष सुविधाओं के साथ यह दुनिया की चुनिंदा नौकाओं में होगी।' पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने करीब 50,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों को तैनात किया है। अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी इतने ही सैनिकों की तैनाती की है।

पैगोंग झील और आसपास के इलाके को रणनीतिक लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत ने मई की शुरुआत में गतिरोध शुरू होने के बाद से झील के आसपास निगरानी बढ़ा दी है। दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हुआ। पैंगोंग झील की घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में इसी तरह की घटना हुई थी।

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