नई दिल्ली: एक तरफ जहां चीन के सेना भारत की जमीन पर बुरी नजर रख रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना की दरियादिली सामने आई है। भारतीय सेना ने 3 सितंबर को 17,500 फीट की ऊंचाई पर उत्तरी सिक्किम के पठार क्षेत्र में अपना रास्ता खो चुके 3 चीनी नागरिकों की मदद की और उन्हें चिकित्सा सहायता, ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े प्रदान किए। सेना ने उन्हें उचित मार्गदर्शन भी दिया जिसके बाद वे अपने गंतव्य पर लौट गए।
भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा, 'मानवता सर्वोपरि, भारतीय सेना ने 17,500 फीट की ऊंचाई पर उत्तरी सिक्किम की भारत-चीन सीमा पर फंसे चीनी नागरिकों की मदद और चिकित्सा सहायता प्रदान की। भारतीय सेना के लिए मानवता सबसे महत्वपूर्ण है।'
इसके अलावा दूसरी तरफ चीनी सेना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने आरोप लगाया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश से 5 लड़कों को अगवा कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के इस कदम से बेहद गलत संदेश गया है और यह सब ऐसे समय में हुआ है, जबकि देश के रक्षा मंत्री ने मास्को में अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की है।
अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने शिकार के लिए चीन-भारत सीमा पर स्थित ऊपरी सुबनसिरी जिले के जंगल में गए पांच लोगों को पीएलए द्वारा कथित तौर अपहृत किए जाने की खबर आने के बाद जांच शुरू कर दी है। अपहृत लोगों के परिवारों ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को जिले के नाचो इलाके में हुई। लापता लोगों के साथ गए दो लोग किसी तरह बचकर आने में कामयाब हुए और उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर जिन लोगों का अपहरण किया गया है, उनकी पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिगलिंग, दोंगतू इबिया, तनू बाकर और नागरु दिरी के तौर पर की गई है और पांचों तागिन समुदाय के हैं।
उल्लेखनीय है कि मार्च में 21 वर्षीय युवक तोगली सिनकम को पीएलए ने मैकमहोन रेखा के नजदीक असापिला सेक्टर में पकड़ लिया था जबकि उसके दो दोस्त बचकर भागने में कामयाब हुए थे। पीएलएल ने करीब 19 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद युवक को रिहा किया।
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