नई दिल्ली: भारत के बहुत सारे यंग प्रोफेशनल्स आर्मी में शामिल होने के लिए काफी उत्सुक रहे हैं लेकिन वर्तमान सिस्टम में उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखता जिससे वो अपनी दिली ख्वाइस को पूरा कर सकें। यंग प्रोफेशनल्स के मन में कहीं न कहीं कचोट बना रह जाता है कि वो अपने देश की सेवा के लिए आर्मी में क्यों नहीं जा सके। वैसे यंग प्रोफेशनल्स के लिए एक सुनहरा मौका आने वाला है।
युवाओंं के लिए अवसर यह प्रस्ताव
भारतीय सेना के यंग प्रोफेशनल्स को आर्मी में भर्ती करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव के अनुसार भारत के यंग प्रोफेशनल्स भी 3 वर्ष के लिए आर्मी में भर्ती हो सकते हैं और तीन वर्ष के बाद वे वापस दूसरे नौकरी में जा सकते हैं। प्रस्ताव में इसे टूर ऑफ ड्यूटी कहा गया है। इस प्रस्ताव को आर्म्ड फोर्स के लिए एक मेजर रिफॉर्म्स के रूप में देखा जा रहा है और इस पर इंडियन आर्मी के कमांडर्स कांफ्रेंस में विचार किया जायेगा।
जानकारों का मानना है कि इस प्रस्ताव को लाने के पीछे 2 कारण हो सकते हैं: पहला, इस प्रस्ताव के लागू होने से आर्म्ड फोर्सेज के खर्चों में काफी बचत होगी और दूसरा, भारत के यंग प्रोफेशनल्स को आर्मी में सेवा करने का मौका भी मिलेगा। काफी संभावना है कि कुछ ही महीनों में इस प्रस्ताव को स्वीकृति भी मिल जाय। और यदि ऐसा होता है तो इंडियन आर्मी के लिए भी यह एक क्रांतिकारी शुरुवात होगी और साथ ही देश के यंग प्रोफेशनल्स के लिए भी एक क्रांतिकारी शुरुआत होगी।
यहाँ यह जानना जरूरी है कि टीओडी में अनिवार्य सैनिक सैन्य सेवा जैसा नियम नहीं होगा जैसा कि दुनियाँ के कई देशों में है। इस प्रस्ताव के अनुसार, यंग प्रोफेशनल्स फोर्सेस में 3 वर्ष नौकरी पूरा करने के बाद अपने पसंदीदा दूसरी नौकरी में आसानी से जा सकेगा क्योंकि फोर्सेस के वर्तमान सिस्टम के अनुसार किसी भी शॉर्ट कमिसंड ऑफिसर को कम से कम 10 वर्ष तक आर्मी में नौकरी करना होता है और अधिकतम 15 वर्ष और उसके बाद ही वो आर्मी से बाहर जा सकते हैं।
क्या है टूर ऑफ ड्यूटी (टीओडी) ?
प्रस्ताव के अनुसार, टूर-टू ड्यूटी के तहत आम युवा को इंडियन आर्मी के कॉम्बेट जॉन में भर्ती की जाएगी और उसके बाद उन्हें आर्मी के आर्मर्ड, आर्टिलरी, इंफेंट्री जैसी कॉम्बेट सर्विसेस में सेवा करने का मौका मिलेगा। इन्हें फॉरवर्ड पोस्ट्स पर भी तैनात किया जायेगा।वर्तमान नियम के मुताबिक युवाओं को शार्ट सर्विस कमिशन के लिए 10 वर्षों के लिए भर्ती की जाती है जिसे 14 वर्षों तक बढ़ाई जा सकती है।
चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की छूट या लचिलापन नहीं होगा। बल्कि यंग प्रोफेशनल्स को इंडियन आर्मी के रेगुलर चयन प्रक्रिया से ही गुजरना होगा जैसे सामान्य अफसर के लिए चयन प्रक्रिया होता है। साथ ही सिलेक्शन के बाद फुल ट्रेनिंग होगी उसके बाद ही इंडियन आर्मी के कॉम्बेट में भर्ती की जाएगी। खास बात ये है कि उन्हें आर्मी के आर्मर्ड, आर्टिलरी, इंफेंट्री जैसी कॉम्बेट सर्विसेस में सेवा करने का मौका मिलेगा।
हाँ एक बात जरूर है 3 साल की सेवा में उन्हें सेवा की सारी सुविधाएँ दी जाएँगी लेकिन आर्मी छोड़ने के बाद उन्हें पेंशन , ग्रेचुटी और लीव एन्काशमेंट की सुविधा नहीं मिलेगी। नौकरी छोड़ते समय उन्हें भविष्य के करियर के लिए प्रशंसा पत्र जरूर मिलेगा। ये मौका पुरुष और महिला दोनों को मिलेगा।
खर्चों में कमी
जानकारों के अनुसार, टीओडी के लागू होने से फोर्सेस के खर्चों में भी काफी कमी आएगी क्योंकि यंग प्रोफेशनल्स को पेंशन, ग्रेचुटी और लीव एन्काशमेंट नहीं देना होगा। इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है
एक तरफ, शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत भर्ती हुए अफसरों के ट्रेनिंग, वेतन व अन्य खर्च के तौर पर 10 साल में 5.12 करोड़ और 14 वर्ष के लिए 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं। दूसरी तरफ, 3 साल के लिए शामिल हुए यंग प्रोफेशनल्स पर सिर्फ 80 से 85 लाख का खर्च आएगा। और फोर्सेस इस बचत को अपने किसी अन्य कार्यक्रम या अपने आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर खर्चा कर सकता है।
बेहतर अवसर
3 साल आर्मी में सेवा देने के बाद यंग प्रोफेशनल्स को कॉर्पोरेट वर्ल्ड/ प्राइवेट वर्ल्ड में बेहतर अवसर मिलने की संभावना बनेगी। प्रस्ताव में कहा गया है- 'यह ऐसे लोगों के लिए शानदार अवसर है जो पूरी जिंदगी के लिए सैन्य सेवाओं में नहीं जाना चाहते थे, लेकिन आर्मी लाइफ का अनुभव लेना उनका सपना होता है।'
दुनियां के अन्य देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा
अंतिम फायदा
यदि यंग प्रोफेशनल्स को 3 साल के लिए फोर्सेस में एंट्री तय हो जाता है तो इसके यंग प्रोफेशनल्स और देश दोनों को फायदे होंगे।
पहला, यंग प्रोफेशनल्स चाहे वो जिस फील्ड में हों उन्हें फोर्सेस में 3 साल काम करने का मौका मिलेगा।
दूसरा, ये सेवा अनिवार्य सैन्य सेवा की श्रेणी में नहीं आएगा यानि 3 साल के बाद यंग प्रोफेशनल्स अपने बेहतर ऑप्शन को चुनेंगे।
तीसरा, यंग प्रोफेशनल्स के आर्मी के 3 साल की ट्रेनिंग और नौकरी देश के लिए एक रिजर्व फोर्स के रूप में हमेशा उपलब्ध रहेगा जिससे देश को जरूरत पड़ने पर फायदा होगा।
चौथा, इस सिस्टम के लागू होने से आर्मी में ऑफिसर की कमी को आसानी पूरा किया जा सकता है।
पाँचवाँ, इस सिस्टम के लागू होने से फोर्सेस के खर्चे में काफी बचत होगा।
छठा, देश के यंग प्रोफेशनल्स में एक पॉज़िटिव मैसेज जाएगा जिससे हर यंग प्रोफेशनल्स आर्मी में 3 अपनी सेवा देने का सोचेगा और अंततोगत्वा भला देश का ही होगा।
आखिर में, यदि कोई आईआईटी और आईआईएम का लड़का या लड़की 3 साल की सर्विस के लिए आर्मी जॉइन करना चाहता है तो उनके लिए यह एक सुनहरा मौका होगा और क्यों नहीं होना चाहिए। क्योंकि हमारे यंग प्रोफेशनल्स को हमेशा फ़क्र होगा कि उन्होने भी देश के लिए आर्मी में अपनी सेवा दी है । अतः हम समझते हैं कि यदि टूर ऑफ ड्यूटी ( TOUR OF DUTY - TOD ) का प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो ये देश और देश के युवाओं के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय होगा। हम सभी को इस ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय का इंतज़ार रहेगा।
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